Prayagraj Magh Mela Preparations: उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में हर साल आयोजित होने वाले माघ मेले की तैयारियों की रफ्तार धीमी पड़ गई है। जहां हर साल अब तक संगम तट तंबूओं का शहर बस जाता था, वहीं इस साल संगम तट सूने पड़े हैं। दरअसल गंगा नदी के बढ़े हुए जलस्तर के कारण मेला क्षेत्र के करीब दो तिहाई से भी ज्यादा हिस्से अब भी जलमग्न हैं। जिसकी वजह से माघ मेले में कल्पवास के दौरान आए साधू-संतों और श्रद्धालुओं के लिए बनाए जाने वाले टेंट का काम शुरू नहीं हो पाया है।
Prayagraj Magh Mela Preparations: करीब 5 लाख श्रद्धालु करते हैं कल्पवास
इस मामले पर यूपी की योगी सरकार ने ये साफ कर दिया है कि हालात चाहे जैसे हों पर इस साल भी माघ मेले का आयोजन होगा। जहां हर साल माघ मेले में हर साल देशभर से करीब 5 लाख साधू-संत और श्रद्धालु कल्पवास करते हैं, तो वहीं एक माह तक माघ मेले के दौरान देश विदेश से करीब 4 करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाते हैं।
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दरअसल हर साल सितंबर के दूसरे हफ्ते तक गंगा का जल स्तर सामान्य होने लगता है, जिसके बाद से ही माघ मेले की तैयारियां शुरू हो जाती थीं, लेकिन इस वर्ष गंगा का जल स्तर काफी अधिक है और पाट भी काफी फैला हुआ है। जिस वजह के मेला क्षेत्र में होने वाले अस्थाई निर्माण कार्यों में परेशानी हो रही है। बता दें, मेले में आए लाखों श्रद्धालुओं के लिए अस्पताल-बाज़ार-पुलिस थाने समेत मेले में बिजली, पानी और शौचालय की उचित व्यवस्था की जाती है। इस साल जो अब तक पूरी नहीं हो पाई है।
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