उत्तराखंड के लोकप्रिय IAS मंगेश घिल्डियाल को PMO में मिली बड़ी जिम्मेदारी

उत्तराखंड – टिहरी गढ़वाल के जिलाधिकारी आईएएस मंगेश घिल्डियाल को केंद्र सरकार में एक बड़ी जिम्मेदारी मिल रही है। इस खबर के बाद उत्तराखंड में खुशी की लहर है। उत्तराखंड कैडर (Uttrakhand Cadre) के 2012 के आईएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल उत्तराखंड में और देश में अपने कार्यों के लिए काफी पॉपुलर रहे हैं। इससे पहले वह रुद्रप्रयाग के डीएम के तौर पर काम कर चुके हैं जहां उन्होंने केदारनाथ (Kedarnath) के पुनरुद्धार के लिए कई बेहतरीन कार्य किए जिससे प्रधानमंत्री मोदी भी काफी प्रभावित थे।

हाल ही में तीन श्रेष्ठ आईएएस अधिकारियों को पीएमओ (PMO) में अलग-अलग पदों पर नियुक्त किया गया। जिसमें मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस रघुराज राजेंद्रन को पीएमओ में डायरेक्टर बनाया गया, आंध्र प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी आम्रपाली कटा को डिप्टी सेक्रेटरी और उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल (Mangesh Ghildiyal) को अंडर सेक्रेटरी (Under Secretary) के पद पर नियुक्त किया गया है।

UPSC चौथा स्थान

मंगेश घिल्डियाल उत्तराखंड के पौड़ी (Pauri) जिले के रहने वाले हैं जिनकी शुरुआती शिक्षा पौड़ी से हुई और नवीं के बाद ग्रेजुएशन तक  की पढ़ाई रामनगर (RamNagar) में हुई। 2007 में मंगेश घिल्डियाल का चयन साइंटिस्ट के रूप में हो गया था और उनकी पोस्टिंग देहरादून (Dehradun) में थी। उसी दौरान उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी करनी शुरू की और पहली बार में ही 131वां स्थान प्राप्त किया। जिसमें उनका चयन आईपीएस (IPS) के लिए हुआ था। उन्होंने आईपीएस ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद (Haidrabad) जाने के बाद भी सिविल सर्विस (Civil Service) की तैयारी जारी रखी और 2011 के यूपीएससी एग्जाम में चौथा स्थान प्राप्त किया। जिसमें उन्हें इंडियन फॉरेन सर्विस (Indian Foreign Service) के लिए चुना गया था पर उन्होंने आईएस (IAS) के रूप में उत्तराखंड में कार्य करना पसंद किया।

रहे हैं काफी पॉपुलर

मंगेश घिल्डियाल उत्तराखंड के जाने-माने आईएएस अधिकारी रहे हैं। जो अपने कार्यों के लिए अक्सर चर्चाओं में और खबरों में बने रहते हैं। जब मंगेश घिल्डियाल बागेश्वर जिले में डीएम (Bageshwar DM) के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे उस दौरान स्थानीय विद्यालय में शिक्षक न होने के कारण मंगेश घिल्डियाल और उनकी पत्नी स्कूल में जाकर पढ़ाया करते थे। जब उनका ट्रांसफर बागेश्वर से रुद्रप्रयाग ( Rudraprayag) के लिए हुआ तो बागेश्वर के लोग उनके ट्रांसफर के विरोध के लिए सड़कों पर उतर आए थे।

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