अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को पाकिस्तान सरकार सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने जा रही है। इसका ऐलान पाकिस्तानी संसद ने सोमवार को किया। पाकिस्तानी सीनेट ने सैयद अली शाह गिलानी को निशान-ए-पाकिस्तान खिताब देने का ऐलान करते हुए कहा कि गिलानी ने जम्मू-कश्मीर में रहकर भारतीय फौजों और सरकारों के खिलाफ आवाज उठाई, जम्मू-कश्मीर के लोगों की आवाज बने।
पाकिस्तान की ओर से गिलानी के नाम पर इस्लामाबाद में एक यूनिवर्सिटी बनाने की बात भी कही गई । इस्लामाबाद में बन रही एक यूनिवर्सिटी का नाम अब सैयद अली शाह गिलानी यूनिवर्सिटी कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि सैयद अली शाह गिलानी को निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित करने का प्रस्ताव पाकिस्तानी सीनेटर मुश्ताक अहमद ने पेश किया था। यह प्रस्ताव आसानी से पास हो गया। गिलानी को यह सम्मान इसलिए दिया जा रहा है ताकि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध किया जा सके।
वहीं पाकिस्तान के इस ऐलान पर भारतीय जनता पार्टी ने निशाना साधा है। जम्मू-कश्मीर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि हुर्रियत और पाकिस्तान एक ही हैं। यहां पर हुर्रियत के नेता पाकिस्तान के इशारों पर चलते हैं, जिनकी वजह से जम्मू-कश्मीर के निर्दोष लोग मारे जाते हैं।
हालांकि कुछ वक्त पहले ही सैयद अली शाह गिलानी ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से इस्तीफे की घोषणा की थी। एक ऑडियो संदेश जारी करते हुए सैयद अली शाह गिलानी ने कहा था कि उन्होंने हुर्रियत से खुद को दूर कर लिया है।