यूपी के कक्षा 6 से 12 तक के स्कूल 10 दिनों में खोलने पर हो विचार : मुख्यमंत्री

लखनऊ: कोरोना संक्रमण का असर राज्य में कम होते देख मुख्यमंत्री योगी ने स्कूल खोलने का निर्देश भी नए सिरे से जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि कक्षा 6 से 12 तक के स्कूलों को 10 दिनों में खोलने के लिए विचार किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर कोविड अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा में दस दिन में कक्षा छह से 12 तक के स्कूल खोलने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री का रुख देखकर माना जा रहा है कि 12 फरवरी से उत्तर प्रदेश में सभी स्कूल खुल जाएंगे।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुरूप विद्यालयों में कक्षा छह से कक्षा 12 तक की पढ़ाई दस दिनों में प्रारम्भ करने के सम्बन्ध में विचार किया जाए। कहा कि सभी जगह पर स्थिति का पूरी तरह आकलन करने के बाद ही इन कक्षाओं का संचालन प्रारम्भ किया जाए। मुख्यमंत्री ने कक्षा छह से 12 तक के बच्चों की स्कूल में कक्षा शुरू कराने को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए।

उन्होंने कहा बच्चों को अब स्कूलों में कक्षा में भेजने के संबंध में विचार करें। हर जिले में कोविड की स्थिति का आंकलन के बाद ही पढ़ाई शुरू कराएं। हर जगह पर कोविड गाइडलाइंस के अनुरूप ही कक्षाएं चलाएं। उन्होंने कहा कि दस दिन में स्कूलों में कक्षा छह से 12 तक की पढ़ाई का संचालन शुरू कराने की तैयारी करें।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 का टेस्टिंग कार्य पूरी क्षमता से संचालित किया जाए। इसी के साथ ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग तथा सर्विलांस सिस्टम को सक्रिय रखा जाए।

उन्होंने वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट के परिप्रेक्ष्य में संबंधित विभागों को अपने-अपने प्रस्ताव भारत सरकार को समय से प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के अपने बजट में जल जीवन मिशन के तहत नगरीय क्षेत्रों को शामिल करने का प्रस्ताव किया है।

योगी ने कहा कि लखनऊ में वायरोलॉजी संस्थान की स्थापना की कार्यवाही को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। इस संस्थान को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे की तर्ज पर विकसित किया जाए। अब प्रदेश में वायरोलॉजी संस्थान की स्थापना हो जाने पर चिकित्सा के क्षेत्र में उच्चस्तरीय जांच व शोध की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा विद्यालयों को अधिकारी के रूप में सेना में भर्ती का अवसर उपलब्ध कराने तथा उनकी उत्तम शिक्षा के उद्देश्य से प्रत्येक मंडल में एक सैनिक स्कूल स्थापित किया जाए।

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