यूपी में खुलेंगे डेढ़ लाख जनसेवा केंद्र, 4.5 लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार

लखनऊ:  अब हर गांव या 10 हजार की आबादी पर दो जनसेवा केंद्र खुलेंगे। स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने और अधिकतम लोगों को सरकार की योजनाओं के प्रति जागरूक करने के लिए योगी सरकार ने यह फैसला लिया है।

इसके तहत कुल 1.5 लाख जनसेवा केंद्र खोलने का लक्ष्य है। इससे करीब 4.5 लाख युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा।

यही नहीं, एक से अधिक केंद्र होने के नाते इनमें होने वाली प्रतिस्पर्धा से इनकी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। लोग सरकार की योजनाओं के बारे में जागरूक होंगे तो उसका लाभ भी लेंगे।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि जनसेवा केंद्र के संचालक को देय शुल्क 20 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया गया है। इसी क्रम में केंद्र के संचालक को प्रति ट्रांजेक्सन अब 4 रुपये की जगह 11 रुपये मिलेंगे। इससे इनकी भी आय बढ़ जाएगी।

इन केंद्रों का कार्यकाल तीन वर्षो का होगा। डिस्ट्रिक्ट गवर्नस सोसाइटी (टीईजीएस) एवं डिस्ट्रिक्ट सर्विस प्रोवाइडर (डीएसपी) संस्थाओं की आपसी सहमति से इसे दो वर्ष तक और बढ़ाया जा सकेगा।

मालूम हो कि प्रदेश के तकरीबन हर ग्राम पंचायत या 10 हजार की आबादी पर एक जनसेवा केंद्र है। ये केंद्र स्थानीय स्तर पर रोजी-रोजगार के साथ लोगों को शासन की योजनाओं के प्रति जागरूक करने का जरिया बन चुके हैं।

इनके जरिए शासन के 35 विभागों की 258 शासकीय सेवाएं लोगों को उपलब्ध हो रही हैं। निजी रूप से कोई भी व्यक्ति इंटरनेट के माध्यम से ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर भी ये सेवाएं ले सकता है।

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