दुनियाभर में करीब 1 करोड़ 50 लाख से अधिक लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। तो वहीं कोरोना से 6.25 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए 120 मेडिकल टीम रिसर्च में जुटी है। अब वैज्ञानिकों के एक नए अध्ययन में कोरोना के बदले स्वरूप की खोज की है।
आपको बता दें ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ के नए अध्ययन के मुताबिक इस नए कोरोना वायरस का कुछ उत्परिवर्तन मानव की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली से संबंधित उस प्रोटीन से दिशा-निर्देशित होता है जो इसे कमजोर करने में सहायक है, लेकिन वायरस इसके खिलाफ फिर उठ खड़ा होता है।
इस नए अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना वायरस के मामले में हो सकता है कि उत्परिवर्तन की प्रक्रिया आकस्मिक ना हो। इस नए कोरोना वायरस सार्स-कोव-2 से के बारे में ‘मॉलीक्यूलर बॉयलॉजी एंड इवोल्यूशन’ में विस्तार से जानकारी दी गई है।
इसके लिए वैज्ञानिकों ने विश्वभर से 15,000 से अधिक वायरस जीनोम का आकलन किया और 6,000 से अधिक उत्परिवर्तनों की पहचान की। यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ के मिलनर सेंटर फॉर इवोल्यून के निदेशक लॉरेंस हर्स्ट ने कहा, ‘‘हम वायरस का उत्परिवर्तन कर इस पर हमला कर रहे हैं।’’
आपको बता दें कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने की दिशा में दुनियाभर में चल रहे रिसर्च अब अपने अंतिम पड़ाव पर हैं, और उम्मीद की जा रही है कि इस साल के अंत तक कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध होगी।