Nag Panchami 2021: 13 अगस्त, 2021 को है नागपंचमी, जानिए शुभ मूहर्त, पूजन विधि

Nag Panchami 2021

Nag Panchami 2021: श्रावण मास (sawan) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी (Nag panchami) का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व पर प्रमुख नाग मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है और भक्त नागदेवता के दर्शन व पूजन करते हैं। सिर्फ मंदिरों में ही नहीं बल्कि घर-घर में इस दिन नाग देवता की पूजा करने का विधान है।

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मान्यता है कि जो भी इस दिन श्रद्धा और भक्ति से नाग देवता की पूजा करता है, उसे व उसके परिवार को कभी भी सर्प भय नहीं होता। इस बार यह पर्व 13 अगस्त, शुक्रवार को है।

Nag Panchami 2021: नागपंचमी के दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त

नागपंचमी के दिन नक्षत्र हस्त सुबह 07:59 बजे के बाद चित्रा लगेगा और साध्य योग दोपहर 01:46 बजे  तक रहेगा।

पचंमी तिथि का आरंभ 12 अगस्त को दोपहर 15.24 बजे से होगा और समापन 13 अगस्त को दोपहर 13.42 बजे होगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त 13 अगस्त सुबह 05.24 बजे से लेकर रात 08.31 तक।

अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:05 बजे से 12:57 बजे तक

अमृत काल – 12:49 AM – 02:20 AM

ब्रह्म मुहूर्त – 04:30 AM से 05:18AM

विजय मुहूर्त- 02:13 PM से 03:06 PM

गोधूलि बेला- 06:22 PM से 06:46 PM

निशिता काल- 11:41 PM से 12:25 AM, 14 अगस्त

रवि योग – 08:00 AM से 05:31 AM 14 अगस्त

शिव पार्वती के साथ इस दिन शुभ मुहूर्त में नाग की पूजा करना चाहिए और जमीन को नहीं खोदना चाहिए। इस दिन पूजा और नियमों का पालन करने से काल सर्प योग से मुक्ति मिलती है।

Nag Panchami 2021: नागपंचमी पूजन विधि

नागपंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद सबसे पहले भगवान शंकर का ध्यान करें। नागों की पूजा शिव के अंश के रूप में और शिव के आभूषण के रूप में ही की जाती है। क्योंकि नागों का कोई अपना अस्तित्व नहीं है। अगर वो शिव के गले में नहीं होते तो उनका क्या होता। इसलिए पहले भगवान शिव का पूजन करें।

सुबह स्‍नान करने के बाद घर के दरवाजे पर पूजा के स्थान पर गोबर से नाग बनाएं।

मन में व्रत का सकंल्‍प लें।

नाग देवता का आह्वान कर उन्‍हें बैठने के लिए आसन दें।

फिर जल, पुष्प और चंदन का अर्घ्‍य दें।

दूध, दही, घी, शहद और चीनी का पंचामृत बनाकर नाग प्रतिमा को स्नान कराएं।

प्रतिमा पर चंदन, गंध से युक्त जल चढ़ाएं।

लडडू और मालपुए का भोग लगाएं।

फिर सौभाग्य सूत्र, चंदन, हरिद्रा, चूर्ण, कुमकुम, सिंदूर, बेलपत्र, आभूषण, पुष्प माला, सौभाग्य द्र्व्य, धूप-दीप, ऋतु फल और पान का पत्ता चढ़ाने के बाद आरती करें।

माना जाता है कि नाग देवता को सुगंध अति प्रिय है। इस दिन नाग देव की पूजा सुगंधित पुष्प और चंदन से करनी चाहिए।

Nag Panchami 2021: नाग पंचमी की पूजा का मंत्र इस प्रकार है

“ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा”!!

शाम के समय नाग देवता की फोटो या प्रतिमा की पूजा कर व्रत तोड़ें और फलाहार ग्रहण करें।

घर के मुख्य द्वार पर गोबर, गेरू या मिट्टी से सर्प की आकृति बनाएं और इसकी पूजा करें।

घर के मुख्य द्वार पर सर्प की आकृति बनाने से जहां आर्थिक लाभ होता है, वहीं घर पर आने वाली विपत्तियां भी टल जाती हैं।

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