दोनों भाइयों की कहानी शुरू होती है सूरत( Surat) से जहां उनके पिताजी की फाइनेंस की दुकान थी। दोनों भाइयों को क्रिकेट में दिलचस्पी थी। इस वजह से उनके पिताजी उन्हें सूरत से बड़ौदा लेकर आए। वहां पूर्व भारतीय क्रिकेटर किरण मोरे के अकैडमी में उन दोनों भाइयों ने दाखिला लिया। यहां से उनकी स्किल्स में काफी बढ़ोतरी हुई ।
2010-11 में पांड्या ब्रदर्स पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब उनके पिताजी की मौत हार्ट अटैक से हो गई। इसके बाद उन्हें घर चलाने के साथ-साथ अपने क्रिकेट पर भी ध्यान देना था । ऐसे में दोनों भाई 300-400 रुपयों के लिए गांव-गांव जाकर मैच खेला करते थे।
दोनों भाइयों में योग्यता की कोई कमी नहीं है लेकिन हार्दिक पांड्या को सफलता पहले हाथ लगी। उन्हें 2015 में मुंबई इंडियंस ने अपने खेमे में शामिल किया। पहले मैच में चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ उनके शानदार प्रदर्शन को देखकर क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने यह भविष्यवाणी की थी कि यह खिलाड़ी मात्र डेढ़ सालों के अंदर ही भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलेगा और ऐसा हुआ भी।
2016 में क्रुणाल पांड्या को भी मुंबई इंडियंस ने 2 करोड़ में खरीदा और तब से यह दोनों खिलाड़ी मुंबई इंडियंस के लिए रीढ़ की हड्डी बने हुए हैं। इन दोनों भाइयों के तेज तरार खेलने के अंदाज से दर्शक इन्हें टीवी पर देखकर खासे उत्साहित रहते हैं।