वीरप्पा मोइली ने बाबरी मस्जिद के फैसले को न्याय का मजाक कहा !

Verrppa Moily Pratap kiran

नई दिल्ली: पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने बाबरी(Babri Masjid) विध्वंस मामले में विशेष सीबीआई अदालत (CBI Court) द्वारा सभी आरोपियों को बरी किए जाने को न्याय का मजाक कहा। मोइली ने दावा किया कि इस फैसले से न्यायपालिका की तरफ से ‘असंवेदनशीलता’ (Insensitivity)दिखाई देती है।

बाबरी मस्जिद का फैसला न्याय का मजाक है: मोइली

मोइली ने अपने एक बयान में कहा, ‘‘रथ यात्रा और मस्जिद (Babri Masjid) का गिराया जाना पूरे देश के सामने हुआ। पूरी दुनिया इसकी गवाह बनी। लेकिन सीबीआई (CBI)इस सबूत को नहीं देख पाई।’’ उन्होंने दावा किया कि यह फैसला न्याय का मजाक है।

रथ यात्रा और मस्जिद का गिराया जाना पूरे देश के सामने हुआ

आपको बतादें कि सीबीआई की विशेष अदालत(CBI Special Court)ने 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद(Babri Masjid)ढहाए जाने के मामले में बुधवार 30 सितंबर को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद(Babri Masjid)विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।

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