स्कूल की आड़ में चल रहे काले कारनामों का पर्दाफाश

उत्तराखंड- पूरे देश में वैश्विक महामारी Global Pandemic के कारण लोग अपने अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं। वहीं देवभूमि उत्तराखंड (Devbhoomi Uttrakhand) की राजधानी देहरादून (Dehradun) की सहसपुर विधानसभा (Sahaspur Constituency) के उमेदपुर (Umedpur) गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दक्षिण भारत से आए ईसाई मिशनरी (Christian Missionary) देवभूमि उत्तराखंड के लोगों का स्कूल चलाने की आड़ में धर्म परिवर्तन करा रहे थे। मिशनरी का यह कार्य महामारी के दौरान भी नहीं रुका और काफी मात्रा में लोग वहां आते रहे जिस कारण इस सच का भंडाफोड़ हुआ।

रिटायर्ड फौजियों का विरोध

ईसाई मिशनरी का यह मिशन कोरोनावायरस महामारी की वजह से देशभर में हुए लॉकडाउन के दौरान भी नहीं रुका जिस कारण यह मामला स्थानीय लोगों के प्रकाश में आया। इलाके के रिटायर्ड फौजियों ने इसका विरोध शुरू किया, उन्होंने बताया कि आए दिन महामारी के दौरान भी कई सारे लोग उसी स्कूल में आया करते थे और स्कूल प्रशासन से पूछने पर वह जवाब मिलता की स्कूल का कुछ कार्यक्रम है जबकि काफी समय से स्कूल बंद हैं।

ग्लोरी ऑफ गॉड

स्थानी निवासियों का कहना है कि यह स्कूल काफी पहले से चल रहा है और क्षेत्र के गरीब और वंचित लोगों को यहां बुलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है। स्थानीय लोगों ने मीडिया को बताया कि दक्षिण भारत के केरल से कुछ लोगों ने उमेदपुर गांव में जमीन खरीद कर एलिजाबेथ मिशनरी स्कूल खोला और स्कूल परिसर में गुपचुप तरीके से ‘ग्लोरी ऑफ गॉड’ (Glory Of God) नामक एक बिल्डिंग बनाई है जहां हर रविवार को प्रार्थना सभा कराते हैं।

मामले ने प्रकाश में आते ही काफी तूल पकड़ लिया और स्थानीय लोग गुस्से में हैं। उत्तराखंड के लोगों का कहना है कि ईसाई मिशनरी देवभूमि उत्तराखंड के भोले भाले लोगों को झांसा देकर उनका धर्म परिवर्तन कराना चाहते हैं। उत्तराखंड क्रांति दल (Uttrakhand Kranti Dal) के प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट (Shanti Prasad Bhatt) ने मीडिया से कहा कि प्रशासन को इस पर सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए, देव भूमि उत्तराखंड की सामाजिक आबोहवा को खराब करने वालों को नहीं बख्शा जाना चाहिए।

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