प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से कई बड़े ऐलान किए। इसी बीच उन्होंने लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम आयु में होने जा रहे बदलाव के भी संकेत दिए। पीएम ने कहा कि लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर सरकार समीक्षा कर रही है।
मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि लड़कियों की शादी की सही आयु क्या हो, इसके लिए हमने कमेटी बनाई है। इस कमेटी की तरफ से रिपोर्ट दिए आने के बाद बेटियों की शादी की उम्र को लेकर उचित फैसले लिए जाएंगे। कमेटी उन प्रयासों को भी देखेगी जो लड़कियों में कुपोषण को कम करने के लिए उठाए जा सकते हैं।
बता दें भारत में 1929 के शारदा क़ानून के तहत शादी की न्यूनतम उम्र लड़कों के लिए 18 और लड़कियों के लिए 14 साल तय की गई थी। 1978 में संशोधन के बाद लड़कों के लिए ये सीमा 21 साल और लड़कियों के लिए 18 साल हो गई। वर्ष 2006 में बाल विवाह रोकथाम क़ानून ने इन्हीं सीमाओं को अपनाते हुए और कुछ बेहतर प्रावधान शामिल कर, इसने क़ानून की जगह ली।
इस साल जून में भारत सरकार ने इसे बढ़ाने के लिए एक कमेटी का गठन किया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट भाषण में कहा था कि महिला के मां बनने की सही उम्र के बारे में सलाह देने के लिए एक टास्क फोर्स बनाई जाएगी। इसके पीछे का मकसद मातृत्व मृत्युदर में कमी लाना है।