KANPUR: चमड़ा उद्योग (Leather Industry) के लिए मशहूर उत्तर प्रदेश (UP) का कानपुर शहर (Kanpur City) अब आत्मनिर्भर बन रहा है। जी हां जरूरी केमिकल के लिए चीन पर निर्भर रहने वाला कानपुर अब अपने जरुरी केमिकल की जरुरत को खुद ही पूरी कर रहा है। यहां स्थापित केमिकल उद्योग ही शहर की 75 से 80 फीसदी जरूरत पूरी कर रहे हैं।
100 में से 70 से ज्यादा प्रकार के केमिकल का उत्पादन हो रहा है। बाकी जरूरत पूरी करने के लिए तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्रप्रदेश की मदद ली जा रही है।
इन उद्योगों में पड़ती है केमिकल की जरुरत
रबर, पेंट, प्लास्टिक, वस्त्र और चमड़े के प्रोडक्ट (product) बनाने के लिए केमिकल (chemical) की जरुरत पड़ती है। अभी तक टाइटेनियम ऑक्साइड, बेरियम सल्फेट, जिंक ऑक्साइड एक्टिव, हीट स्टेबलाइजर व मेटेलिक स्टीरिएट सहित अन्य केमिकल चीन से ही आयात किए जा रहे थे। बेसिक क्रोमियम, बेसिक क्रोम, सोडियम सल्फाइड व टेक्सटाइल फिनिशिंग केमिकल के लिए भी कानपुर China पर ही निर्भर था।
केमिकल का उत्पादन 80 फीसद बढ़ा
आंकड़ों के मुताबिक शहर में बेसिक क्रोमियम और बेसिक क्रोम की चार-चार सौ टन, सोडियम सल्फाइड व टेक्सटाइल फिनिशिंग केमिकल की खपत 70 से सौ टन प्रतिमाह होती है। लॉकडाउन से पहले तक शहर के केमिकल उद्यमी इसकी 40 से 50 फीसद आपूर्ति ही कर पाते थे। चीन के उत्पादों के बहिष्कार का एलान होने के बाद उद्यमियों ने इन केमिकल का उत्पादन बढ़ाकर 75 से 80 फीसद पर पहुंचा दिया है।
चीन पर निर्भरता लगभग खत्म
80 फीसदी केमिकल उत्पादन बढ़ने से अब चीन पर लगभग खत्म हो गई है और इसे शत प्रतिशत करने की तैयारी की जा रही है। यूपी डाइज एंड केमिकल मर्चेंट्स एसोसिएशन के महासचिव आरके सफ्फड़ के मुताबिक शहर में केमिकल की 40 मैन्यूफैक्चङ्क्षरग इकाइयां हैं। ये सभी 100 फीसद यूरोपियन मानक का पालन कर केमिकल तैयार कर रही हैं।
सस्ते दामों पर केमिकल बनाने की योजना
केमिकल को सस्ती दरों पर अधिक से अधिक मात्रा में बनाने का प्रयास किया जा रहा है। अफ्रीका, यूरोप और रूस में भी इसका निर्यात हो रहा है। वहीं दवाई उद्योग में इस्तेमाल होने वाले केमिकल चीन से लेना मजबूरी है, लेकिन विश्व की अग्रणी कंपनियों को देश में आमंत्रित कर इसका हल निकाला जा सकता है।