नवरात्र स्पेशल: नवरात्रि का आठवां दिन महागौरी का दिन होता है। यह मां दुर्गा का आठवां स्वरूप है। इसे महाष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन अगर भक्त महागौरी की अराधना पूरे मनोयोग से करें तो व्यक्ति के सभी पाप खत्म हो जाते हैं।
मां पार्वती ने गौर वर्ण प्राप्त करने के लिए कई वर्षों तक कठोर तपस्या की थी जिसके बाद उन्हें गौर वर्ण मिला था। इसी के चलते वह महागौरी कहलाईं। कहा जाता है कि महागौरी की पूजा महाष्टमी के दिन करने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। महाष्टमी के दिन लोग अपने घर में कन्या पूजन भी करते हैं।
ऐसे करें महागौरी की पूजा
अष्टमी के लिए महागौरी की पूजा के लिए पीले वस्त्र पहनें। फिर मां के सामने दीपक जलाएं। महागौरी का ध्यान करें। मां को सफेद और पीले रंग के फूल बेहद प्रिय हैं। फिर मंत्रों का जाप करें। इसके बाद मध्य रात्रि में महागौरी की पूजा करें। इस दिन कन्याओं को खाना भी खिलाया जाता है।
कहा जाता है कि 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्या को ही पूजा जाना चाहिए। इस दिन मां की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं।
मां महागौरी बीज मंत्र
श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
महागौरी मंत्र
माहेश्वरी वृष आरूढ़ कौमारी शिखिवाहना।
श्वेत रूप धरा देवी ईश्वरी वृष वाहना।।
ओम देवी महागौर्यै नमः।
महागौरी माता की आरती
जय महागौरी जगत की माया।
जया उमा भवानी जय महामाया।।
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरा वहां निवासा।।
चंद्रकली और ममता अंबे।
जय शक्ति जय जय मां जगदंबे।।
भीमा देवी विमला माता।
कौशिकी देवी जग विख्याता।।
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा।।
सती ‘सत’ हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया।।
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।।
तभी मां ने महागौरी नाम पाया।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया।।
शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता।।
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो।।