LT Gen Manoj Pande New Army Chief: अगले महीने भारतीय सेना के प्रमुख एमएम नरवणे की जगह भारत के अगले थलसेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे होंगे। वहीं वर्तमान आर्मी चीफ एमएम नरवणे की नियुक्ति अगले सीडीएस के रूप में हो सकती है। आपको बता दें जनरल एमएम नरवणे इस महीने के अंत में रिटायर हो रहे हैं। इसलिए उनकी जगह पर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को थलसेना अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया जाएगा।
ये भी पढ़ें- Jahangirpuri Stone Pelting Again: जहांगीरपुरी में आज फिर से हुआ पथराव, क्राइम ब्रांच की टीम पर फेंके गए पत्थर
LT Gen Manoj Pande New Army Chief: लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे इंजीनियर भी हैं
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे पहले इंजीनियर हैं जो भारतीय थलसेना की कमान संभालने जा रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे कमांडिग ऑफिसर भी रह चुके हैं। मनोड पांडे ईस्टर्न कमांड के कमांडिंग ऑफिसर थे। इसके साथ ही अंडमान एंड निकोबार कमांड के कमांडर इन चीफ भी रह चुके हैं।
LT Gen Manoj Pande New Army Chief: परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल मिला
देश के अगले होने वाले थलसेना अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को अपनी वीरता के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल मिल चुका है। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे मूल रूप से महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले हैं। अपनी प्राइमरी स्कूलिंग के बाद लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने नेशनल डिफेंस अकेडमी जॉइन की थी। और उसके बाद मनोज पांडे ने इंडियन मिलिट्री अकेडमी जॉइन की।
इसके अलावा वह ब्रिटेन के कैमबर्ले के स्टाफ कॉलेज का भी हिस्सा रहे चुके हैं। अपना कोर्स पूरा कर वह भारत आ गए और उसके बाद पूर्वोत्तर भारत की माउंटेन ब्रिगेड के ब्रिगेड मेजर नियुक्त किए गए।
LT Gen Manoj Pande New Army Chief: जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर 117 इंजीनियर रेजिमेंट की अगुआई की
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स की एक रेजिमेंट में कमीशन मिला। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर 117 इंजीनियर रेजिमेंट की अगुआई भी की थी। इसके साथ ही ऑपरेशन पराक्रम के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे रेजिमेंट कमांडर थे। उन्होंने हायर कमांडर का कोर्स आर्मी वॉर कॉलेज से पूरा किया।
आपको बता दें, इसके बाद, मनोज पांडे की नियुक्ति हेडक्वॉर्टर 8 माउंटेन डिवीजन में कर्नल क्यू के तौर पर हुई। जिसके बाद उनका प्रमोशन हुआ और उन्होंने पश्चिमी लद्दाख में ऊंचाई वाले अभियानों में 8 माउंटेन डिवीजन की कमान संभाली। इसके बाद सेना मुख्यालय में एडीजी के रूप में भी काम किया।