Lockdown:खेतों में मजदूरी करने वाले ने हज यात्रा के पैसों से गरीबों को खाना खिलाया..
नई दिल्ली: कोरोना(Coronavairus)के कारण हुए लॉकडाउन(Lockdown)के बाद से लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना कर पड़ रहा हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी गरीब, मजदूरों के लिए जिनको एक वक्त के खाने के लिए दूसरों की मदद का इंतजार करना पड़ रहा है। https://www.pmindia.gov.in/en/
हज के लिए जोड़ी रकम से की मदद
ऐसे गरीब और मजदूरों के लिए बहुत से लोगों ने मदद का हांथ आगे बढ़ाया हैं। ऐसे ही एक मददगार कर्नाटका के अब्दुर्रहमान जिन्होंने अपने जीवन भर से इकठ्ठा किए हज यात्रा के पैसों से लॉकडाउन में (Lockdown)गरीबों को खाना खिलाया। अब्दुर्रहमान कोई करोड़पती नहीं है वो तो कर्नाटका के मंगलौर में खेतों काम करने वाले एक मजदूर हैं, जो अपनी जीविका चलाने के लिए खेतों में मजदूरी करते हैं।
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55 साल के अब्दुर्रहमान का हज करने का सपना था जिसके लिए लिए उन्होंने अपनी जीवन भर की कमाई से थोड़ा-थोड़ा करके पैसा इकठ्ठा किया था। जिससे वो इस साल हज करने के लिए मक्का- मदीना जाने की पूरी तैयारी कर चुके थे, लेकिन कोरोान(Coronavairus) महामारी की वजह से सब कुछ बंद हो गया(Lockdown)और उनका हज जाने का सपना पूरा न हो सका। उन्होंने हज के लिए जोड़ी रकम से उन लोगों की मदद करने की ठानी जो लोग इस लॉकडाउन(Lockdown)में खाना नहीं पा रहे थे, और जिन मजदूरों के घर का राशन खत्म हो गया था।
मदद में कितने रुपए किए खर्च नहीं बताया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंगलौर के बंतवाल के रहने वाले अब्दुर्रहमान ने 25 ऐसे परिवारों की मदद की, जिनके घरों में खाने का राशन तक नहीं था। उन्होंने उन लोगों के घर चावल और बाकी खाने के जरूरी सामान बांटे। अब्दुर्रहमान कहते हैं “मुझे बहुत दुख हुआ जब मैंने रोज कमाने खाने वाले लोगों को लॉकडाउन(Lockdown)के दौरान घर बैठे देखा। तो मैंने उनदी मदद करने की ठानी ”
जीवन भर की जमा पूंजी मदद में लगा दी
अब्दुर्रहमान के बेटे इलियास ने बताया कि उनके पिता मजदूरी करते हैं, और उनकी मां घर में रहती हैं। इलियास ने बताया ” उनके पिता पिछले कई सालों से हज यात्रा के लिए पैसा इकठ्ठा कर रहे थे, लेकिन जब ये लॉकडाउन(Lockdown)हुआ और उन्हें इलाके गरीब लोगों को भूखे देखा, तो उनसे रहा नहीं गया। और उन्होंने उन गरीब मजदूरों की मदद करने के लिए हज के लिए जमा की रकम से राशन का इंतजाम करके सब में बांट दिया”