महाशिवरात्रि पर्व: जानिए क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि, पूजा की विधि और मंत्र

महाशिवरात्रि पर्व : महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि विधान से साधना, पूजा, एवं महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते है । इस बार महाशिवरात्रि का व्रत 11 मार्च को किया जायेगा ।

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि को एक पवन त्योहार माना जाता है। शिवरात्रि साल में बारह बार आती है और फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि का बहुत महत्व है। प्रतेक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि मानी जाती है। महाशिवरात्रि को भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा दिन माना जाता है।

माना जाता है जो इस दिन सच्चे दिल से भगवान शिव का व्रत करता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। इस दिन भगवान शिव के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद, घी, और शक्कर से स्नान करवाया जाता है और श्रद्धालु पूरे विधि विधान के साथ भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत करते है। और इस बार महाशिवरात्रि का व्रत 11 मार्च को किया जायेगा ।

शुभ मुहूर्त :-

गुरुवार 11 मार्च 2021 के दिन महाशिवरात्रि मनाई जायेगी। रात 12:06 बजे से 12:54 बजे तक का समय पूजा के लिए शुभ है। पारण मुहूर्त 12 मार्च को सुबह 06:36 बजे दोपहर 03:04 बजे तक रहेगा

क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि :-

धार्मिक मान्यताओं के आधार पर यह कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिव जी पहली बार प्रकट हुए थे। भगवान शिव ने संसार के कल्याण के लिए अग्नि ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे।

दूसरी मान्यता यह है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। अन्य मान्यता यह है कि महाशिवरात्रि के दिन विभिन्न 64 स्थानों पर शिवलिंग प्रकट हुआ था। शिव जी के विवाह में देवी-देवता, दानव, भूत, पिशाच भी शामिल हुई थे।

व्रत करने की विधि :-

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि विधान से साधना, पूजा, एवं महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं। महाशिवरात्रि का व्रत करने से हम अपने जीवन की परेशानी और कष्ट दूर कर सकते हैं। अपने व्यहवारिक जीवन की सभी परेशानी को मिटाने के लिए पति और पत्नी दोनों को यह महाशिवरात्रि का व्रत करना चाहिए। और इस व्रत को मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए बेहद फलदाई माना जाता है।

पूजा की विधि :-

महाशिवरात्रि के दिन सुबह उठकर साफ वस्त्र धारण करे। मंदिर जा कर शिवलिंग पर जल या दूध से अभिषेक करें। भगवान शिव का चंदन से तिलक करें। इस दिन शिवलिंग पर बेलपत्र और आक के फूल, धतूरा, भांग भगवान शिव को अर्पित करें। और भगवान शिव की आरती कर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

जो लोग पूरे विधि विधान से पूजा नहीं कर सकते, वे लोग घर में ही छोटा मिट्टी, पारद शिवलिंग स्थापित करें और सामान्य पूजा करके महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

महामृत्युञ्जय मन्त्र :-
॥ ॐ ह्रौं जुं सः त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् सः जुं ह्रौं ॐ ॥

 

 

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