जानिए क्यों मनाया जाता है 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस

1965 में ईरान (Iran) की राजधानी तेहरान (Tehran) में शिक्षा जगत के जानकारों और मंत्रियों का एक सम्मेलन हुआ था । इसी सम्मेलन के दौरान सबसे पहले ‘विश्व साक्षरता दिवस (World literacy Day) ‘ मनाने की बात उठाई गई थी। यह सम्मेलन दुनिया भर में एक साक्षरता अभियान चलाने को लेकर हुआ था । लेकिन विश्व साक्षरता दिवस मनाने की शुरुआत यहां से नहीं हुई थी ।

 

इसकी शुरुवात हुई जब 26 अक्टूबर 1966 को UNESCO ने प्रत्येक वर्ष 8 सितंबर को इस दिवस को मनाने की घोषणा की ।उसके बाद 1967 से प्रत्येक साल यह दिवस इसी दिन मनाया जाता है।

 

जब भी कोई दिवस मनाया जाता है तो वह प्रत्येक वर्ष किसी न किसी विषयवस्तु के ऊपर आधारित होता है ।उसी तरह विश्व साक्षरता दिवस भी प्रत्येक वर्ष किसी ना किसी थीम के ऊपर मनाया जाता है ।इस साल जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है तो इस बार का थीम भी इसी से संबंधित है । इस साल विश्व साक्षरता दिवस की विषय वस्तु है- ” साक्षरता शिक्षण और और कोविड-19 : संकट और उसके बाद (Literacy teaching and learning in the COVID-19 crisis and beyond)।”

 

इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना है । सबसे बड़ी बात यह है कि यह दिवस केवल पढ़ाई लिखाई तक ही सीमित नहीं है बल्कि समुदायिक और सामाजिक रूप से साक्षर होने की बात भी करता है ।

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