दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी गोआ और पंजाब में अपनी जड़ें फैलाने के बाद अब उत्तराखंड में भी हाथ आजमाना चाहती है। अरविंद केजरीवाल ने एक इंटरव्यू में कहा कि दिल्ली में बहुत बड़ी आबादी उत्तराखंड वालों की रहती है जो कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के काम से बहुत खुश हैं। उन्होंने ही केजरीवाल के सामने यह प्रस्ताव रखा कि आम आदमी पार्टी अब उत्तराखंड में चुनाव लड़े क्योंकि उत्तराखंड की जनता भाजपा और काँग्रेस दोनों को आजमा कर देख चुकी है और निराशा ही हाथ लगी।
उत्तराखंड की जनता इस बार आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर अपने अधिकारों और नई उम्मीदों का चुनाव लड़ेगी। pic.twitter.com/esMbEJBiX8
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 20, 2020
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी उत्तराखंड में हमारा संगठन नहीं है, पर चुनाव संगठन से नहीं लोगों से लड़े जाते हैं। दिल्ली में भी हमारे पास संगठन नहीं था पर दो साल में ही सौ साल पुरानी कांग्रेस और 40 साल पुरानी भाजपा को उखाड़ फेंका था। उत्तराखंड की जनता मौजूदा सरकार से त्रस्त हो चुकी है और कांग्रेस को वापस चाहती नहीं है क्योंकि उनको मध्यप्रदेश में देख चुके हैं वो दल बदलते रहते हैं।
केजरीवाल ने कहा कि उत्तराखंड से बड़ी मात्रा में पलायन का कारण वहां मूलभूत सुविधाओं का ना होना है। रोजगार की समस्या, स्वास्थ्य सुविधाओं का सुलभता से मुहैया ना होना और सरकारी शिक्षा की बदहाली ही मुख्य कारण हैं जिससे लोग पलायन करने पर मजबूर होते हैं, दिल्ली में इन बिंदुओं पर काम किया जा चुका है। केजरीवाल ने कहा कि कुछ समय पहले उत्तराखंड में सर्वे कराया गया था जिसमें से 62 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि आम आदमी पार्टी को उत्तराखंड में चुनाव लड़ना चाहिए।