कंगना ने अपने ऑफिस को कहा राम मंदिर, ये है बड़ी वजह

मुम्बई – अभिनेत्री कंगना रनौत और महाराष्ट्र सरकार के बीच का झगड़ा काफी बढ़ चुका है। पिछले कई दिनों से कंगना रनौत (Kangna Ranaut) महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government)पर लगातार हमला बोल रही हैं और पिछले हफ्ते उन्होंने महाराष्ट्र की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर (POK) से कर दी थी। जिसके बाद शिवसेना (Shivsena) के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) उन पर काफी भड़क गए थे। उसके बाद कंगना और संजय राउत की जुबानी जंग काफी लंबी चली। सोमवार की शाम बीएमसी BMC के अधिकारी कंगना के ऑफिस मणिकर्णिका फिल्म्स (Manikarnika Films) में आकर छानबीन करने लगे। तब कंगना रनौत ने आशंका जताई थी कि उनका ऑफिस BMC द्वारा तोड़ दिया जाएगा।

ऑफिस है राम मंदिर

9 सितंबर को जब कंगना मुंबई (Mumbai) पहुंच रही हैं तभी BMC की तरफ से मुंबई पुलिस और बीएमसी के अधिकारी कंगना रनौत का ऑफिस तोड़ने के लिए बुलडोजर लेकर आ गए। इसके बाद कंगना ने महाराष्ट्र सरकार की तुलना बाबर (Babar) से और अपने ऑफिस की तुलना राम मंदिर (Ram Mandir) से की। कंगना ने अपने ट्वीट में लिखा कि “मणिकर्णिका फिल्म्स जब शुरू किया गया था तो इसकी पहली फिल्म अयोध्या निश्चित हुई, मेरे लिए यह ऑफिस नहीं राम मंदिर ही है। आज यहाँ बाबर आया है, इतिहास फिर दोहराया जाएगा और मंदिर का निर्माण फिर से हुआ, उसी तरह इस ऑफिस का भी निर्माण फिर से किया जाएगा, जय श्रीराम जय श्रीराम (Jai Shri Ram)”

कंगना ने अपने शुरुआती दिनों के बारे में भी बताया कि “वह 12 साल की उम्र में हिमाचल HIMACHAL छोड़कर चंडीगढ़ (Chandigarh) आई और उसके बाद दिल्ली। फिर 16 साल की उम्र में जब वह दिल्ली से मुंबई पहुंची तब लोगों ने बताया कि मुंबई में वही रहता है जिसे मुंबा देवी स्वीकारती हैं। हम सभी लोग मुंबा देवी (Mumba devi) की दर्शन के लिए गए और उसके बाद बाकी सब दोस्त वापस चले गए लेकिन मुझे मुंबा देवी ने स्वीकार कर लिया इसलिए वहीं रह गई”।

मुम्बई या पाकिस्तान

बीएमसी BMC द्वारा ऑफिस के जोड़े जाने की तस्वीर ट्वीट करते हुए कंगना ने लिखा कि “मैंने कभी किसी के लिए गलत नहीं किया लेकिन मेरे दुश्मनों ने मुझे गलत साबित कर दिया इसीलिए यह मुंबई अब मेरे लिए पाक अधिकृत कश्मीर (POK) जैसी है। साथ ही कंगना ने एक और ट्वीट उसमें जोड़ते हुए लिखा कि “मैंने कुछ गलत नहीं किया था, लेकिन बीएमसी BMC मेरे ऑफिस को तोड़ रही है। जबकि सरकार द्वारा 30 सितंबर तक किसी भी तरह के निर्माण को ध्वस्त करने की अनुमति नहीं है”।

 

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