कमलप्रीत कौर पर डोपिंग मामले में तीन साल का बैन

भारतीय एथलीट कमलप्रीत कौर पर तीन साल का बैन लगाया गया है। उनपर एथलेटिक्स इंटीग्रिटी इकाई ने डोपिंग के मामले में कार्रवाई की है। कमलप्रीत पर लगने वाला ये प्रतिबन्ध 29 मार्च 2022 से लागू मान जायेगा और इसकी मियाद मार्च 2025 में खत्म होगा।

छब्बीस वर्षीय कमलप्रीत के चार सप्लीमेंट की जांच हुई और एक प्रोटीन सप्लीमेंट में ‘स्टेरॉयड के अंश’ मिले थे। उन्हें नई दिल्ली में राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला में प्रोटीन सप्लीमेंट के परीक्षण की स्वीकृति मिली थी जिसमें स्टेनोजोलोल मिला था।एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट ने इसके बाद सात सितंबर को उन्हें नोटिस दिया। कमलप्रीत ने यूनिट से नोटिस मिलने के 20 दिनों के भीतर उल्लंघन की बात और साथ ही प्रस्तावित सजा स्वीकार कर ली। कमलप्रीत का प्रतिबंध चार साल से घटाकर तीन साल कर दिया गया।

चक्का फेंक खिलाड़ी कमलप्रीत कौर डोपिंग के मामले में फंसने के बाद राष्ट्रमंडल खेलों में भाग नहीं ले पाई थीं। इससे पहले उन्होंने तोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया था। देशवासियों को उम्मीद थी कि राष्ट्रमंडल खेलों में भी उनके ज़रिये भारत के हिस्से में पदक आएगा।

एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट ने इसी साल सात मार्च को पटियाला में कमलप्रीत की जांच के बाद उन्हें स्टेरॉयड पॉजिटिव पाया था। इसके बाद इसी साल मई में उन्हें अस्थाई रूप से निलंबित किया गया था। कमप्रीत के सैंपल में स्टेनोजोलोल पाया गया था। यह एक विशिष्ट एनाबोलिक स्टेरॉयड है जो विश्व एथलेटिक्स के अनुसार यह प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में आता है।

एथलेटिक्स इंटीग्रिटी इकाई के एक बयान में कहा गया है कि सात मार्च 2022 के बाद उन्होंने जिन भी प्रतियोगिताओं में भाग लिया है, सभी में उनके नतीजे अमान्य होंगे।

टोक्यो खेलों में शानदार प्रदर्शन की बदौलत कमलप्रीत छठे स्थान पर रहीं थी। उन्होंने पिछले साल तोक्यो खेलों से पहले 65.06 मीटर दूर चक्का फेंक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने टोक्यो खेलों के दौरान क्वालिफाइंग दौर में दूसरे स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई थी जहां वह 63.70 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ सातवें स्थान पर रहीं थी। किसी भी भारतीय खिलाड़ी का फील्ड स्पर्धाओं में यह तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बना।

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