कफ़ील ख़ान को हाईकोर्ट से मिली ज़मानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून ( NSA)के तहत जेल में बंद डॉक्टर कफ़ील ख़ान को ज़मानत दे दी है। यह आदेश दो जजों की बेंच ने उनकी मां नुजहत परवीन की बंदी प्रत्यक्षीकरण(Habeas Corpus )याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। इस बेंच में जस्टिस गोविन्द माथुर( Govind Mathur) और जस्टिस एसडी सिंह(SD Singh) शामिल थे।

गोरखपुर(Gorakhpur) के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज (Baba Raghav Das Medical College) के निलंबित डॉक्टर कफ़ील ख़ान(Kafeel Khan) को नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA)के ख़िलाफ़ कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

डॉक्टर खान को सुरक्षा क़ानून ( NSA) के तहत मथुरा की जेल में रखा गया था ।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने फ़ैसले में कहा कि कफ़ील ख़ान को एनएसए के तहत गिरफ़्तार किया जाना ‘ग़ैरक़ानूनी’ है।अदालत ने डॉक्टर कफ़ील ख़ान को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है।

अदालत ने अपने फ़ैसले में कहा है कि “डॉक्टर कफ़ील ख़ान का भाषण किसी तरह की नफ़रत या हिंसा को बढ़ावा देने वाला नहीं था, बल्कि यह लोगों के बीच राष्ट्रीय एकता का आह्वान था।”

2019 के दिसंबर महीने में नागरिकता संशोधन क़ानून ( CAA) के ख़िलाफ़ डॉक्टर कफ़ील ख़ान ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक भाषण दिया था जिसे भड़काऊ माना गया।

इसी को लेकर कफ़ील के ख़िलाफ़ अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज किया गया था। 29 जनवरी को यूपी एसटीएफ़ ( STF)ने उन्हें मुंबई से गिरफ़्तार किया था। जेल के दौरान ही अलीगढ़ प्रशासन ने कफिल पर रासुका( NSA) लगाया था ।

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