चाहे कोई प्राकृतिक आपदा हो या मानवजनित आपदा हमारे सेना के जवान हर तरह की परिस्थितियों को संभालने के लिए जाने जाते हैं। अभी एक मामला आया है उत्तराखंड (Uttrakhand) के पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जिले के मुनस्यारी (Munsyari) क्षेत्र से, जहां 20 अगस्त को एक महिला का पहाड़ी से गिरकर पांव टूट गया पर इलाके में भयानक बारिश और धुंध होने से उसे अस्पताल नहीं ले जाया जा सका। वहां क्षेत्र में कोई सड़क नहीं थी जिससे अस्पताल ले जय जा सके। जब यह बात आईटीबीपी के जवानों को पता चली तो 25 जवान 22 किलोमीटर पैदल चलकर उनके घर चले गए और महिला को उपचार के लिए कंधो पर चारपाई में ले गए।
आइटीबीपी के अधिकारी ने बताया कि हमारे जवान महिला को चारपाई में लिटा कर कंधे में रखते हुए बहुत ही दुर्गम रास्तों से जहां भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र थे, फिसलन भरे क्षेत्र थे और नदी नालों को पार करते हुए लगातार 15 घंटे चले और 40 किलोमीटर उसे कंधों पर ले जाकर मुख्य सड़क तक पहुंचाया जहां से उसे अस्पताल ले जाया जा सका। घटना भारत तिब्बत बॉर्डर पर मुनस्यारी क्षेत्र में आने वाले गांव लापसा (Laapsa) की है।
आईटीबीपी के सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी इसकी सूचना डाली गई कि आईटीबीपी की 14वी बटालियन ने यह नेक काम किया,जिसके साथ ही उन्होंने एक छोटा सा वीडियो पोस्ट किया।
सेवा परम धर्मः।
ITBP jawans of 14th Battalion carrying an injured woman on stretcher in Pithoragarh District on 22 August, 2020. Jawans carried her to nearest road head covering 40 Kilometres mountainous route on foot in 15 hours. She is being treated and stable now.#Himveers pic.twitter.com/1FYx5VS8QA— ITBP (@ITBP_official) August 23, 2020