पवित्र श्रावण मास 6 जुलाई दिन सोमवार 2020 से शुरू हो कर 3 अगस्त को समाप्त हो रहा है। जिसमें पांच सोमवार पड़ेंगे यह संयोग बहुत कम प्राप्त होता है । जब श्रावण मास में पांच सोमवार पड़ते हैं शास्त्रों के अनुसार श्रावण मास में जो मनुष्य मांस पर्यंत तक एक समय भोजन करता है एवं रुद्राभिषेक करता है । उसके वंश तथा जाति की वृद्धि होती है। श्रावण मास में दूध घी ,गाय का दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं ऐसा शास्त्रों में लिखा गया है आम जनमानस को श्रावण मास में यथाशक्ति एक सोमवार को अथवा पूरे श्रावण मास में किसी भी एक दिन रुद्राभिषेक अवश्य करवाना चाहिए।
किसी भी कारणवश यदि आप श्रावण मास में रुद्राभिषेक नहीं कर पाते हैं तो पूरे श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ को धतूर , मदार, बेलपत्र सफेद पुष्प ,धूप, दीप ,नैवेद्य ,भांग एवं पंचामृत इनमें से अधिक से अधिक सामग्रियों को इकट्ठा करके भोलेनाथ का पूजन एवं अभिषेक स्वयं से जरूर करना चाहिए। एवं पंचाक्षर मंत्र का जाप करना चाहिए
नोट- स्त्रियों को ओम का उच्चारण नहीं करना चाहिए केवल नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए ऐसा शिवपुराण में वर्णित है।
विशेष- श्रावण मास भर शिव वास देखने की कोई आवश्यकता नहीं होती है इस पूरे महीने में किसी भी दिन किसी भी क्षण शिव पूजा की जा सकती है। कालसर्प योग ,विष योग और पित्र दोष इनसे संबंधी कोई भी समस्या अगर हो तो इस सावन मास में इनकी पूजा विशेष फलदाई होती है
श्रावण मास में पड़ने वाले सभी सोमवार
प्रथम सोमवार – 6 जुलाई
द्वितीय सोमवार-13 जुलाई
तृतीय सोमवार-20 जुलाई
चतुर्थ सोमवार- 27 जुलाई
पंचम सोमवार-3 अगस्त।