मनरेगा में पत्थर तोड़ने को मजबूर अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेटर

उत्तराखंड: कुछ दिन पहले हमने एथलीट दुती चंद को अपनी BMW कार बेचने के लिए सोशल मीडिया में पोस्ट करते देखा था क्योंकि उनकी ट्रेनिंग का खर्च नहीं निकल पा रहा था। अब इसी तरह का एक मामला सामने आया है उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से, जहां भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके राजेन्द्र सिंह धामी जीवन यापन के लिए मनरेगा में मजदूरी कर पत्थर तोड़ने को मजबूर हैं।

राजेन्द्र सिंह धामी कनालीछीना विकासखंड के रैकोट के मूल निवासी हैं और कई सालों से टूटे फूटे घर में रह रहे हैं जो बरसात में कभी भी ध्वस्त हो सकता है। इसके लिए वो पीएम आवास योजना के तहत मिलने वाले आवास के लिए कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके हैं पर कहीं से कोई संतुष्ट करने वाला जवाब नहीं मिला।

राजेन्द्र सिंह धामी कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व कर कर चुके हैं पर इस महामारी के दौर में जब वो मजदूरी करने को मजबूर हुए तो किसी ने उनकी सुध नहीं ली, इस बात का पता जब एक्टर सोनू सूद को चला तो उन्होंने राजेन्द्र की मदद के लिए आगे आते हुए 11 हजार रुपये की मदद की और आगे भी मदद करते रहने का आश्वासन दिया।

राजेंद्र ने बताया कि पहले तक क्रिकेट टूर्नामेंट से कमाई हो जाती थी पर महामारी की वजह से तय टूर्नामेंट भी नहीं हो पाए। राजेन्द्र ने बीएड और एमए किया है और उन्होंने प्रशासन मांग की है कि उनकी योग्यता के अनुसार कोई रोजगार मुहैया कराए। पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी ने बताया कि ऑथोरिटीज ने जिले के स्पोर्ट्स ऑफिसर को राजेन्द्र की आर्थिक मदद को कहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *