पर्यावरण संरक्षण( ENVIRONMENT) की दिशा में भारत अब एक कदम और आगे बढ़ने वाला है।रीवा सोलर प्रोजेक्ट के बाद अब भारतीय रेल ने अब अपने उपयोग के लायक सोलर बिजली( SOLAR ENERGY) खुद पैदा करेगी।
रेल मंत्री पीयूष गोयल (PIYUSH GOYAL) ने बिजली उत्पादन और खपत की अपनी निर्भरता के लिए सोलर पावर डेवलपर्स (SOLAR POWER DEVELOPERS) के साथ बैठक की है जिसमें तय किया गया है कि 2030 तक भारतीय रेलवे 33 बिलियन यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन करेगा। यह उत्पादन क्षमता अभी 21 बिलियन यूनिट है। रेलवे ने यह भी तय किया है 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को भी घटा कर शून्य किया जाएगा।
33 बिलियन यूनिट बिजली उत्पादन के लिए रेलवे, सोलर पावर डेवलपर्स को रेलवे की जमीन पर सोलर पावर प्लांट्स लगाने में मदद करेगा। रेलवे ने साल 2023 तक 100 फीसदी रेलवे रूट्स के इलेक्ट्रिफिकेशन कराने का भी लक्ष्य रखा है।
आत्मनिर्भर भारत योजना पर काम करते हुए रेलवे साल 2030 तक अपने खाली जमीनों पर 20 GW क्षमता के सोलर पावर प्लांट्स लगाएगा। रेलवे की योजना है कि ट्रैक्शन के लिए जो बिजली इस्तेमाल की जाती है उसे सोलर एनर्जी के जरिए पूरा किया जाए। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा और रेलवे में पूरी तरह से ग्रीन ट्रांसपोर्ट सिस्टम लागू हो जाएगा।