कोरोना संकट काल में कर्नाटक के उडुपी जिले में एक महिला ने अनोखी मिसाल पेश की है। बता दें यहां एक आशा कार्यकर्ता ने एक गर्भवती महिला को आधी रात को अपने ऑटो रिक्शा में करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित सरकारी अस्पताल में सुरक्षित पहुंचाया।
बताया जा रहा है कि कर्नाटक के उडुपी जिले के पर्णानकिला गांव में एक एक गर्भवती महिला की गुरूवार की आधी रात को अचानक तबियत बिगड़ गई। जब फोन पर आशा कार्यकर्ता राजीवी को इस बात की जानकारी मिली तो राजीवी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए बिना देर किए ऑटो चलाकर गर्भवती महिला ऑटो से ही अस्पताल पहुंचाया।
डॉक्टरों को कहना है कि गर्भवती महिला की हालत गंभीर थी, और ऐसी हालत में महिला को अस्पताल लाने में जरा भी देर हो जाती तो मां और होने वाले बच्चे की जान को खतरा हो सकता था। अगले ही दिन गर्भवती महिला ने उडुपी के सरकारी अस्पताल में एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया।
बता दें राजीवी के इस मानवीय संवेदना के लिए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी ट्वीट कर उनकी तारीफ की है। वेंकैया नायडू ने कहा कि राजीवी की सेवा अभिनंदनीय है। उनका ये मानवीय संवेदना अनुकरणीय है। वो ऑटो चला कर गर्भवती महिलाओं को सेवा प्रदान करती हैं। ईश्वर उनके प्रयासों को आशीर्वाद दें।
आपको बता दें कि राजीवी आशा कार्यकर्ता होने के साथ साथ पर्णानकिला ग्राम पंचायत की स्वच्छ भारत मिशन की राजदूत भी हैं। साथ ही राजीवी के पास खुद का ऑटो है, जिसका इस्तेमाल वो निजी और आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए करती हैं। वहीं बाकी समय में राजीवी अपने गांव और आस पास के इलाको में गर्भवती महिलाओं की जरूरत पड़ने पर मदद भी करती हैं।