इस वक्त देश चौतरफा मुसिबत की मार झेल रहा है। जहां कोरोना वायरस तेजी से अपने पैर पसार रहा है तो वहीं दूसरी ओर देश के कई राज्यों में लोग बाढ़, भारी बारिश और भूस्खलन से हलकान हैं। बिहार, असम, केरल उत्तर प्रदेश जैसे अन्य कई राज्यों में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यत हो चुका है। बिहार में बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, गंडक, बूढ़ी गंडक, कोसी जैसी नदियों में जल स्तर खतरे के निशान से उपर बह रहा है।
बिहार में बाढ़ से अब तक 16 जिलों में 74 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। बिहार में लाखों हेक्टेयर खेत जल समाधी ले चुके हैं। तो वहीं पूरे राज्य में अबत 23 लोगों की मौत हो चुकी है। दरभंगा में सबसे ज्यादा 9 लोगों की मौत बाढ़ की चपेट में आने से हुई है। तो वहीं मुजफ्फरपुर में 6, पश्चिम चंपारण में 4 इसी के साथ सारण और सिवान में 2-2 लोगों की मौत हुई है।
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। तो वहीं पश्चिम चंपारण, खगड़िया, सारण, समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा और सहरसा में भी बाढ़ ने तबाही मचाई है।
आपदा प्रबंधन विभाग की माने तो इन सभी जिलों के 125 प्रखंडों की 1232 पंचायतों में 74 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। वहीं बाढ के कारण राहत कैंपो में शरण लेने वाले लोगों के भोजन की व्यवस्था के लिए 1267 सामुदायिक रसोई की व्यवस्था भी की गयी है। इसके साथ ही बिहार के बाढ़ प्रभावित इन जिलों में बचाव और राहत कार्य चलाए जाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 33 टीमों की तैनाती की गयी है।