पूरी दुनिया कोरोना वायरस (Corona Virus) की चपेट में है। भारत में कोरोना वायरस की रफ्तार अगस्त से ही बढ़नी शुरू हो गई थी लेकिन अब हर दिन 75 हजार से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं। इस जानलेवा वायरस से जारी जंग को जीतने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत भारत (India) और अमेरिका (America) साथ मिलकर काम करेंगे।
आपको बता दें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DSC) ने बताया कि भारत और अमेरिका के वैज्ञानिकों की 11 टीमें साथ मिलकर कोरोना वायरस किट, मौजूदा दवाओं के कारगर उपयोग, वेंटिलेटर को और प्रभावकारी बनाने और सेंसर बेस्ड कोविड-19 (Covid-19) के लक्षण पहचाने की तकनीक को विकसित करने पर शोध करेंगी।
इस बारे में जानकारी देते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग कहा कि वैज्ञानिकों के टीमों का चयन अमेरिका और भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रतिभा कोष (USISTEF) ने बीते अप्रैल 2020 में कोविड-19 इग्निशन अनुदान के तहत जारी की गई प्रस्तावों के द्वि-राष्ट्रीय समीक्षा प्रक्रिया के जरिए किया था।
आपको बता दें अमेरिका-भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रतिभा कोष की स्थापना भारत और अमेरिका के विदेश विभाग ने नई-नई खोज और कोविड-19 को लेकर किए जा रहे नए शोध को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। जिससे विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए टीके, उपचार के नए उपकरण, क्लिनिकल उपकरण विकसित करने के साथ ही इस वैश्विक चुनौती का समाधान निकालने में मदद मिल सके।