भारत के प्रधानमंत्री सहित सभी बड़े लोगों की जासूसी कर रहा है चीन, पढ़े पूरी रिपोर्ट

अन्ग्रेजी अखब़ार इंडियन एक्सप्रेस ने एक बड़ा खुलासा करते हुए सनसनी फैला दी है। अखबार के मुताबिक शेनज़ेन बेस्ड चीन की एक बिग डेटा प्रोसेसिंग कंपनी ने भारतीय प्रधान-मंत्री और राष्ट्रपति सहित 10,000 लोगों की जासूसी की है।

 

 

क्या है मामला

 

इस बेहद सम्वेदनशील और राष्ट्र के लिये चिंताजनक मुद्दे का खुलासा करते हुए अखबार ने बताया कि यह डेटा उन्हे एक सोर्स से मिला है जिसने ये खबर द इंडियन एक्सप्रेस के साथ-साथ, ऑस्ट्रेलिया के द फाइनेंशिअल रिव्यू और इटली के एक फोग्लियो के साथ शेयर की। सोर्स के मुताबिक चीन की शिन्हुआ डेटा इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड की तरफ से चीन सरकार और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिये रियल टाईम जासूसी की जा रही है।

 

 

किसकी हो रही है जासूसी

 

इस बेहद गम्भीर मुद्दे मे चीन भारत के जिन 10,000 लोगों की जासूसी कर रहा है उनमे भारतीय प्रधान-मंत्री, राष्ट्रपति शामिल हैं। इनके अलावा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG), रक्षामंत्री, वित्तमंत्री, सूचना एवं कानून मंत्री, रेल मंत्री सहित कुल 8 कैबिनेट मंत्री, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक, शिवराज सिंह चौहान, कैप्टन अमरिंदर सिंह, उद्धव ठाकरे और अशोक गहलोत, भारत मे CDS विपिन रावत सहित तीनों सेना प्रमुखों की जासूसी की जा रही है। कुल 5 पूर्व प्रधान-मंत्री और 24 मुख्यमंत्रियों की भी जासूसी की आशंका है।

 

इसके अलावा यह डेटा कंपनी भारत के हर क्षेत्र से जुड़े लोगों की जासूसी करवा रही है। इनमे क्रिकेट, सिनेमा, बिज़नेस मैन, स्टार्टअप, वकील, पत्रकार, शिक्षाविद, साइंटिस्ट, धार्मिक, जज, नौकरशाही से जुड़े कई लोग भी शामिल है। साथ ही तस्करी, भ्रष्टाचार, अपराध, आतंकवाद मे भी संलिप्त विभिन्न अभियुक्तों पर भी नजर रखी जा रही है।

 

कंपनी ने राजनेताओं के परिवार वालों को भी निशाने पर रखा है। इनमे सोनिया गाँधी का परिवार, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का परिवार, नरेंद्र मोदी की पत्नी जसोदाबेन, मुलायम सिंह यादव का परिवार, राष्ट्रपति की पत्नी सविता कोविंद जैसे लोगों का भी नाम शामिल हैं। इतना ही नही कंपनी काशी राम और एम करुणानिधि जैसे दिवंगत नेताओं से भी जुड़े डेटा जुटा रही है।

 

 

क्या है खतरा

 

वर्तमान समय मे सामरिक मोर्चे सिर्फ सरहदों तक ही सीमित ना रहकर आन्तरिक जासूसी और गोपनीय डेटा तक पहुँच गये हैं। ऐसे मे किसी भी देश के द्वारा किसी अन्य देश की जासूसी और वह भी प्रधान-मंत्री से लेकर अन्य क्षेत्रीय इन्फ्लूएंसर्स तक वाकई बेहद खतरनाक है। मामला और भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है जबकि ये दो एशियाई शक्तियों भारत-चीन से जुड़ा हो। आने वाला समय यदि फौज के साथ-साथ डिजिटल युद्ध की तरफ बढ़ रहा है तो निश्चित रूप से यह सिर्फ भारत ही नही बल्कि दुनिया के हर देश के लिये एक बेहद खतरनाक संकेत है जिस पर ध्यान देने मे अब ज्यादा समय नही लगाना चाहिये।

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