14 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस पर पूर्व हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ से नवाजा है। शाह गिलानी की तरफ से हुर्रियत नेताओं ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति से सम्मान लिया।
अलगाववादी नेता को पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान:भारत विरोधी बयानों के लिए मशहूर पूर्व हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी को पाकिस्तान ने ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ से नवाजा
इस्लामाबादएक घंटा पहले
पूर्व हुर्रियत नेता गिलानी मतभेदों की वजह से 2003 में हुर्रियत से अलग हो गए थे।- फाइल फोटो
- पूर्व हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी की तरफ से हुर्रियत नेताओं ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति से सम्मान लिया
- कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठजोड़ के विरोध में 13 जुलाई 1993 को ऑल पार्टीज हुर्रियत कान्फ्रेंस की नींव रखी गई
पाकिस्तान अपने प्रॉपेगैंडा से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान ने 14 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस पर पूर्व हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ से नवाजा है। गिलानी की ओर से हुर्रियत नेताओं ने इवान-ए-सदर में इस सम्मान को लिया।
आपको बता दें कि गिलानी को यह सम्मान देने का प्रस्ताव पाकिस्तानी सीनेटर मुश्ताक अहमद ने दिया था। इसे सदन ने ध्वनि मत से पास किया था। इसके अलावा गिलानी पर टेरर फंडिंग के भी आरोप लगे हैं।
अलगाववादी नेता गिलानी को कश्मीर में भारत विरोधी बयानों के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि पाकिस्तान ने गिलानी को इस सम्मान से नवाजा है। पाकिस्तान ने अपने स्वतंत्रता दिवस को ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ के रूप में मनाया है।