सुप्रीम कोर्ट में अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के आयोजन को लेकर दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है। देशभर के 31 छात्रों ने अंतिम वर्ष की परीक्षाओं पर रोक लगाने की मांग की है। यह याचिका यूजीसी के उस सर्कुलर के खिलाफ दायर की गई है जिसमें सितंबर के अंत तक फाइनल ईयर एवं फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर तक पूरा कराने का निर्देश जारी किया गया था।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने कहा था कि देशभर में मौजूद सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेज अपने अंतिम वर्ष (Final year) के students के एग्जाम कराएं, इसके लिए गाइडलाइन्स भी जारी कर दी गईं। इसके अलावा यह भी तय कर दिया गया कि एग्जाम 30 सितंबर तक करा लिए जाएं। छात्रों की ओर से दलील दी गई कि कोरोनावायरस के समय में एग्जाम कराना स्टूडेंट्स की सेहत से खिलवाड़ करना होगा। इसके लिए स्टूडेंट्स को यात्रा करनी पड़ेगी जोकि ठीक नहीं है। इसके अलावा यह भी दलील दी गई कि जब क्लास ही नहीं हुईं तो फिर एग्जाम कैसे ले सकते हैं। आज सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई पूरी हो गई है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि उसने विश्वविद्यालयों को सितंबर में टर्म-एंड परीक्षा के लिए उपस्थित नहीं होने वाले छात्रों के लिए संभव होने पर ‘विशेष परीक्षा के लिए’ परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दी है। यूजीसी ने फाइनल ईयर की परीक्षाओं के आयोजन का निर्देश दिया है क्योंकि आयोग ने यह महसूस किया कि सीखना एक गतिशील प्रक्रिया है और परीक्षा के माध्यम से किसी के ज्ञान को आंकने का एकमात्र तरीका है।