हरतालिका तीज: इस पूजा विधि से पति सुख में आ रही कमियां होंगी दूर

शिव सभी दुखों को , कष्टों को एवं समस्याओं को हरने वाले हैं। होनी को यदि कोई मिटा सकता है तो वह मात्र भोलेनाथ हैं हरतालिका तीज (Hartalika Teej) व्रत एक अर्थों में देखा जाए तो सर्वप्रथम इस व्रत को माता पार्वती ने स्वयं देवाधिदेव महादेव को प्राप्त करने के लिए किया था। यह व्रत अखंड सौभाग्य को प्राप्त करने का व्रत है । अपने मन वांछित प्रेम को पूर्ण करने का व्रत है । इस व्रत को व्रतों का राजा कहा जाता है । यह व्रत पूर्ण रूप से 60 घड़ी अर्थात 24 घंटे बिना अन्न एवम जल को ग्रहण किए रहा जाता है। जिससे कुंवारी कन्याओं को उनके इष्ट पति की प्राप्ति होती है तो वहीं सुहागिन स्त्रियों के लिए उनकी कुंडली में कोई भी ऐसा खराब दोष हो जिससे पति सुख में कमियां रही हो तो वह दोष भी नष्ट हो जाता है।

व्रत का समय

यह व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि दिन शुक्रवार तारीख 21/8/2020 को इस वर्ष मनाया जाएगा। इस दिन सूर्योदय के समय में चंद्रमा सिंह राशि में है जो सुबह 8:21 के बाद कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए पूजा की सारी क्रिया पूर्व दिशा में मुंह करके करें । उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र शुद्ध एवं शुभ योग भी इस दिन प्राप्त हो रहा है। स्त्रियों के लिए व्रत के संबंध में यह एक श्रेष्ठ संयोग है । इस दिन भगवान भोलेनाथ की और माता पार्वती की विधि विधान से पूजन करने से सम्पूर्ण मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस व्रत में दिन में तीन बार स्नान करने की एवं सुबह एवं शाम भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाने की परंपरा है।

विशेष उपाय

1- इस दिन 51 बेल पत्र लेकर उस पर चंदन से सीताराम लिखकर 51 बेल पत्रों की एक माला बनाकर शिवलिंग पर चढ़ाने से व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण होती है।
2- हरतालिका तीज के दिन शाम को किसी भी शिव-पार्वती के मंदिर में जा कर पूजा करें एवं शुद्ध घी के 11 दीपक जलाएं एवं माता पार्वती को 11 गांठ हल्दी की चढ़ाने से लड़की के विवाह के योग बन सकते हैं एवं कुंवारी कन्याओं को मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है।
3- इस दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का अभिषेक दूध में केसर एवं मिश्री मिलाकर करने से पति पत्नी में प्रेम बना रहता है।

 

अंशुल त्रिपाठी ज्योतिर्विद
सम्पर्क सूत्र-9450197085

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