Har Ghar Jal Yojna: ‘हर घर जल योजना’ के जरिये उपलब्ध होगा रोजगार का अवसर, 30 हजार लोगों को मिलेगी नौकरी

Har Ghar Jal Yojna

Har Ghar Jal Yojna: उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) ग्रामीण इलाकों में जल को लोगों की आजीविका से जोड़ने जा रही है। इसके तहत अब हर घर नल योजना (Har Ghar Jal Yojna) के जरिये ग्रामीण इलाकों में रोजगार (Employment) के बड़े अवसर उपलब्ध कराने की तैयारी है। जलापूर्ति व्यवस्था (water supply system) के संचालन के लिए प्रदेश भर में 30 हजार से ज्यादा संविदा सहायक भर्ती किये जायेंगे।

Har Ghar Jal Yojna: प्राइवेट कंपनियों द्वारा बनाए जाएंगे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट

सरकार द्वारा खींचे गये खाके के अनुसार योजना के तहत शुद्ध एवं स्वच्छ जलापूर्ति के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (water treatment plant) बनाये जायेंगे। यह प्लांट निजी कंपनियों द्वारा निर्मित किये जायेंगे। योजना के मेंटीनेंस का जिम्मा संभाल रही कंपनियां हर जिले में 400 से 500 स्थानीय युवाओं की भर्ती करेंगी। स्थानीय लोगों को अपने गांव और कस्बे में ही फिटर, प्लंबर, मकैनिक और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी मिलेगी।

Har Ghar Jal Yojna:  वाटर ट्रीटमेंट प्लाटों से 2,500 ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार

जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) बुंदेलखंड (Bundelkhand) के सात जिलों में ही 2,500 से ज्यादा लोगों को वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों पर रोजगार देने जा रहा है। जल जीवन मिशन के एक उच्च अधिकारी ने बताया की विंध्य क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत 17 परियोजनाओं के तहत कुल 162 पाइप पेयजल योजनाएं निर्माणाधीन हैं, जिसमें 22 सतही जल आधारित योजनाएं एवं 140 भूजल आधारित योजनाएं हैं।

Har Ghar Jal Yojna: 2022 तक जल आधारित योजनाओं को पूरा किया जाएगा

उक्त योजनाओं में कुल 2,961 राजस्व ग्रामों के कुल 40,45,943 आबादी के लिए 6,69,508 क्रियाशील गृह जल संयोजन (एफएचटीसी) की व्यवस्था की जायेगी, जिससे कुल 6,69,508 घरों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होगी। इस परियोजना से विंध्य क्षेत्र के दो जिलों के आठ तहसीलों, 22 विकास खंडों के 1,236 ग्राम पंचायतों को लाभ पहुंचेगा। हालांकि योजनाओं को मार्च, 2022 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित है, लेकिन सभी परियोजनाओं को दिसंबर 2021 तक पूरा किये जाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।

Har Ghar Jal Yojna:  जलापूर्ति की ज्यादातर व्यवस्था सेंसर आधारित ऑटोमोड होगी

राज्य पेय जल स्वच्छता मिशन के अधिकारियों के अनुसार ग्रामीण इलाकों में हर 4 से 5 किलोमीटर पर ओवरहेड वाटर टैंक बनाये जायेंगे, जिससे आस-पास के गांवों में जलापूर्ति की जायेगी। जलापूर्ति की ज्यादातर व्यवस्था सेंसर आधारित आटोमोड होगी, लेकिन सप्लाई सिस्टम की देखभाल और मरम्मत के लिए फिटर, प्लंबर, मैकेनिक और सिक्योरिटी गार्ड रखे जायेंगे। 10 वर्षों तक जलापूर्ति व्यवस्था और ट्रीटमेंट प्लांट के देखभाल की जिम्मेदारी निर्माण कार्य करने वाली कंपनियों के हाथ होगी। राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार कंपनियां स्थानीय लोगों को भर्ती कर जलापूर्ति व्यवस्था का संचालन करेंगी।

Har Ghar Jal Yojna: हर जिले में 400 से 500 लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा

राज्य पेयजल स्वच्छता मिशन के अधिशासी निदेशक अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि सरकार बुंदेलखंड के सात जिलों में ही इस योजना के जरिये 2,500 से ज्यादा लोगों को रोजगार से सीधे जोड़ने जा रही है। फिटर, प्लंबर, मैकेनिक और सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर हर जिले में औसतन 400 से 500 लोगों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। योजना के आगे बढ़ने के साथ रोजगार का यह औसत पूरे प्रदेश में होगा। प्रदेश भर में 30 हजार से ज्यादा प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा।

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अप्रत्यक्ष तौर पर और श्रमिकों के लिए करोड़ों की संख्या में रोजगार सृजन हो रहा है। केवल बुंदेलखंड में यह आंकड़ा 3 करोड़ से ज्यादा है जबकि सोनभद्र और मिर्जापुर में 1.33 करोड़ मानव दिवस रोजगार का सृजन हो रहा है। पहले, दूसरे चरण में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में हर घर नल योजना पर काम कर रही राज्य सरकार तीसरे और चौथे चरण में प्रदेश के सभी गांवों में घर घर पानी पहुंचाने की शुरुआत करने जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश भर में योजना के तहत 35 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित होंगे।

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