आश्विन मास (Ashwini Mas) के कृष्ण पक्ष (Krishna paksha) की प्रतिपदा तिथि से अमावस्या तक पितृ पक्ष ( Pitru Paksha )माना जाता हैं। ऐसी मान्यता है कि जो हमारे पूर्वज सूक्ष्म रूप में पितृ लोक में विचरण कर रहे हैं उनको श्राद्ध के इन दिनों में जो भी समर्पित किया जाता है वह उन्हें प्राप्त होता हैं। अतः पित्रो को जल देना एवम ब्राम्हणों के माध्यम से उन्हें भोजन कराने की प्रथा है।
विशेष बातें
पित्र पक्ष का प्रत्येक कार्य दोपहर में होता हैं। चाहे वह किसी को जल देना हो अथवा भोजन कराना हो।
जो जल देते हों उन लोगों को पितृ पक्ष के समय पूर्ण सात्विक जीवन जीना चाहिए।
इस वर्ष बुधवार 2 सितम्बर 2020 को सुबह 9:34 मिनट पर प्रतिपदा तिथि लग रही हैं। जो अगले दिन 3 सितम्बर दिन गुरुवार को सुबह 10:48 रहेगी। उसके बाद द्वितीया तिथि प्रारंभ हो जाएगी। जिसकी प्रतिपदा तिथि हो वह 2 तारीख से ही पितृ पक्ष कर्म प्रारंभ कर दे।
पितृ पक्ष कर्म करने से साल भर घर में सुख समृद्धि रहती हैं। कुंडली में पितृ दोष हो तो उसका भी प्रभाव कम हो जाता है।