Gyanvapi Mosque Survey: ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण की चुनौती पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

Gyanvapi Mosque Survey

Gyanvapi Mosque Survey:  (नई दिल्ली) सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के सिविल कोर्ट को ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण मामले की सुनवाई टालने को गुरुवार को कहा है। इस मामले में एक हिंदू वादी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने एक दिन के लिए स्थगन की मांग की थी।

वाराणसी की अदालत के समक्ष हिंदू वादी का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि वे आज वाराणसी में सिविल कोर्ट के समक्ष कार्यवाही जारी रखने के लिए दबाव नहीं डालेंगे।

Gyanvapi Mosque Survey:  वुजूखाना के चारों ओर एक दीवार गिराए जाने अहमदी ने उठाया मुद्दा

Gyanvapi Mosque Survey

मुस्लिम पक्ष के लिए अंजुमन इंतजामिया कमेटी के वकील हुजेफा अहमदी ने दलील रखी। मुस्लिम पक्ष के वकील की मांग थी कि वाराणसी कोर्ट में चल रही सुनवाई पर तुरंत रोक लगाते हुए पुरानी यथास्थिति को बरकरार रखा जाए। अहमदी ने वुजूखाना के चारों ओर एक दीवार गिराए जाने का मुद्दा भी उठाया।

ये भी पढ़ें- Mathura dispute: मथुरा शाही ईदगाह विवाद के बाद अलर्ट पर यूपी के 8 जिले, जानिये क्या है पूरा मामला

जैन ने प्रस्तुत किया कि सिविल कोर्ट के समक्ष पांच हिंदू महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्य वकील हरि शंकर जैन आज सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित होने में असमर्थ थे। उन्होंने पीठ के समक्ष दोहराया कि वे आज सिविल कोर्ट के समक्ष कार्यवाही के साथ आगे नहीं बढ़ेंगे। एक छोटी सी सुनवाई के बाद, शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को दोपहर 3 बजे निर्धारित की है।

Gyanvapi Mosque Survey:  17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पाये गए शिवलिंग की रक्षा के निर्देश दिये थे

17 मई को, सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी प्रशासन को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर एक वीडियो सर्वेक्षण के दौरान उस क्षेत्र की रक्षा और सील करने का निर्देश दिया था जहां कथित रूप से शिवलिंग पाया गया था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने संबंधित अधिकारियों को मुसलमानों को नमाज अदा करने के लिए मस्जिद में प्रवेश करने से प्रतिबंधित नहीं करने का भी निर्देश दिया।

जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और पी.एस. नरसिंह ने कहा, जिस जगह पर शिवलिंग पाया गया है, उसकी रक्षा की जानी चाहिए। पीठ ने कहा कि मुस्लिमों को नमाज या इबादत के लिए मस्जिद में प्रवेश करने पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए।

खबरों के साथ बने रहने के लिए प्रताप किरण को फेसबुक पर फॉलों करने के लिए यहां क्लिक करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *