विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रहे गहलोत

जयपुर: राजस्थान की राजनीति में उतार-चढ़ाव जारी है। सीएम अशोक गहलोत ने राज्यपाल के सामने विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव रखा है। और अपने इस प्रसत्ताव पर गहलोत अड़े हुए हैं। राज्यपाल ने अशोक गहलोत से इस प्रस्ताव का कारण पूछा है साथ ही  यह भी कहा कि विधानसभा सत्र बुलाने के लिए 21दिन पहले सूचना दी जाती है। शुक्रवार को राज्यपाल ने चिट्ठी के जरिए तलब किया।

शुक्रवार की रात को ही सीएम गहलोत ने जयपुर के होटल (जहां उनके विधायक रुके हुए हैं) में कैबिनेट बैठक बुलाई। अंदाजा लगाया जा रहा है कि विधानसभा सत्र बुलाने से उन्हें बहुमत साबित करने में मदद मिलेगी, साथ ही उन्हें विधायकों को होटल में रखना भी नहीं पड़ेगा।और आने वाले 6 महीनोे का समय उन्हें आसानी से मिल जाएगा।

पार्टी के मुताबिक सत्र आयोजित होने पर सचिन पायलट और उनके समर्थकों को नोटिस दी जाएगी। इसलिए अशोक गहलोत हर हालत में विधानसभा सत्र चाहते हैं।

वहीं दूसरी तरफ राज्यपाल ने कहा है कि न उन्होंने कारण स्पष्ट किया और न तारीख बताई।ऐसी हालत में उन्हें कैसे अनुमति दी जाए। इस पर कांग्रेस के खेमे से कपिल सिब्बल ने कहा कि विधानसभा सत्र बुलाने पर राज्यपाल स्वीकृति नहीं देना चाहते। यह लोकतंत्र की परिभाषा को बदलने का प्रयास है। इसके लिए कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी और आम जनता को इससे अवगत कराएगी।

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