नई दिल्ली: दो दर्जन से ज्यादा किसान संगठनों ने शुक्रवार को आहूत बंद को समर्थन देने का ऐलान किया है। बंद का आह्वान 18 राजनीतिक पार्टियों के भारी विरोध के बीच संसद में कृषि विधेयकों को पारित किए जाने के खिलाफ किया गया है। पंजाब और हरियाणा में 31 किसान संगठन पहले से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे शुक्रवार को सरकार को अपनी चिंताओं से अवगत कराना चाहते हैं।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक वी.एम. सिंह मध्य उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने कहा, “अगर एमएसपी की गारंटी नहीं दी गई तो देशभर में अशांति फैल जाएगी। गरीबों की खाद्य सुरक्षा बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कार्पोरेट घरानों के हाथ में सौंप दी गई है।” उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इन विधेयकों को मंजूरी न देने की अपील की है।
यही मांग 18 विपक्षी पार्टियां भी बुधवार को राष्ट्रपति से मिलकर उठा चुकी हैं। उन्होंने राष्ट्रपति से इन विधेयकों को पुनर्विचार के लिए सदन को वापस भेज देने का अनुरोध किया है।
किसान संगठनों ने किसानों से विधेयकों के खिलाफ खुलकर आगे आने की अपील की है, जैसा कि भारतीय किसान यूनियन ने कहा है कि “25 सितंबर को किसानों का कर्फ्यू रहेगा, चक्का जाम किया जाएगा और जब तक कानून में एमएसपी के मुताबिक उपज खरीदे जाने की गारंटी नहीं दी जाएगी, तब तक आंदोलन चलता रहेगा।”