नई दिल्ली: शिक्षकों के प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने, अच्छे बुनियादी ढांचे को विकसित करने और शिक्षकों के लिए अनुकूल कार्य वातावरण का निर्माण करने के लिए नीदरलैंड, इंग्लैंड के विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।
दिल्ली सरकार भारत, नीदरलैंड और इंग्लैंड के नीति विशेषज्ञों के साथ ट्रीटिंग टीचर्स एज प्रोफेशनल्स पर चर्चा कर रही है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इन विशेषज्ञों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एक साथ काम करके हम इन सभी विचारों को लागू कर सकते हैं।
शिक्षकों के प्रोफेशनल विकास पर चर्चा करते हुए शैक्षिक संसाधन इकाई (इंडिया) की निदेशक विमला रामचंद्रन ने कहा, भारत में शिक्षकों के पेशेवर विकास की आवश्यकता है। हम उनका समुचित विकास करते हुए सूक्ष्म-प्रशिक्षण पारिस्थितिकी प्रणालियों का निर्माण करके सही दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
इस पैनल में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई विशेषज्ञ शामिल हुए। इनमें जेलेमर एवर्स (नीदरलैंड के लनिर्ंग एक्सपर्ट और इनोवेटर), सुब्रमण्यन गिरिधर (अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के सीओओ), हैरी फ्लेचर वुड (एम्बिशन इंस्टीट्यूट में एसोसिएट डीन) और लुसी क्रेहन (क्लीवर लैंड्स पुस्तक की लेखिका और अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सलाहकार) के नाम प्रमुख हैं।
पैनल चर्चा के चार प्रमुख विषयों में भारत बनाम अन्य जगहों पर शिक्षकों के कार्यभार, शिक्षकों की प्रेरणा या इसके अभाव को प्रभावित करने वाले कारक, शिक्षकों की स्वायत्तता और व्यावसायिक विकास के प्रभावी तरीके जैसे विषय शामिल हैं।