Deoghar Ropeway Accident: बीते रविवार को झारखंड के देवघर स्थित त्रिकूट की पहाड़ियों पर हुए रोपवे हादसे को दो दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी सभी यात्रियों का रेस्क्यू नहीं हो पाया है। बचाव कार्य में एनडीआरएफ, आईटीबीपी और स्थानीय पुलिस और वायुसेना की मदद ली जा रही है। लगातार प्रयास के बाद बीते सोमवार की शाम तक 37 लोगों को रोपवे की ट्रॉली में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया था। आज मंगलवार की सुबह 5 बजे से ही एक बार फिर से सेना के जवान समेत एनडीआरएफ, आईटीबीपी और स्थानीय पुलिस रेस्क्यू में जुटे हैं।
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Deoghar Ropeway Accident: पीएम मोदी और सीएम सोरेन ले रहे हैं हर पल की जानकारी
आपको बता दें, देवघर रोपवे हादसे की झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीते सोमवार को उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार स्थिती पर नजर बनाएं हुए हैं। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देवघर हादसे की हर पल की जानकारी ले रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस हादसे के बारे मेंप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चर्चा की भी की है। वहीं जल्द से जल्द फंसे हुए लोगों को निकालने की बात कही है।
बता दें, ये पहली बार है जब भारतीय वायुसेना, भारतीय थल सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन साथ मिलकर बचाव कार्य में जुटे हैं। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए भारतीय सेना के एक Mi-17 और एक Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है।
Deoghar Ropeway Accident: बचाए गए यात्रियों को अस्पताल में कराया गया भर्ती
बीते 10 अप्रैल की शाम करीब 30.30 बजे अचानक देवघर के पास स्थित चित्रकूट की पहाड़ियों पर बना रोपवे अचानक रूक गया। 36 घंटों से ऊंचाई पर फंसे होने की वजह से जिन यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है वो यात्री काफी बिमार हो गए हैं। ज्यातर फंसे यात्रियों की शरीर में पानी की कमी हो गई है। जिन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बता दें, लगातार बचाव का काम जारी है। अब भी 10 लोगों के ट्रॉली में फंसे होने की खबर है।
Deoghar Ropeway Accident: दामोदर वैली कॉर्पोरेशन करती है रोपवे को संचालित
देवघर स्थित त्रिकूट की पहाड़ियों पर बना रोपवे देश का सबसे ऊंचा वर्टिकल रोपवे है। इसे साल 2009 में बनाया गया था। इसका संचालन साल 2012 में शुरू हुआ था। साल 2012 से इस रोपवे को दामोदर वैली कॉर्पोरेशन ही संचालित कर रहा है। साथ ही रोपवे के मेंटनेंस और संचालन का काम भी दामोदर वैली कॉर्पोरेशन का ही है।
संचालन के लिए हर पांच साल में एक बार टेंडर भरा जाता है। इस काम में झारखंड स्टेट ट्राइबल को-ऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ दामोदर वैली कॉर्पोरेशन का एक एग्रीमेंट भी हुआ है। बता दें, देवघर रोपवे को चलाने वाली एजेंसी दामोदर वैली कॉर्पोरेशन को सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च से मेंटेनेंस के संबंध में हर साल एक सर्टिफिकेट लेना होता है।
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