- Cyclone Gulab : चक्रवर्ती तूफान गुलाब तबाही मचाने के बाद अब कमजोर पड़ गया है। गुलाब तूफान रविवार शाम आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तट से टकराया। इसका असर अब झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश पर भी नजर आ रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि कुछ जिलों के लिए येलो अलर्ट है।
Cyclone Gulab के कारण तेलंगाना में भारी बारिश का अलर्ट
श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम जिलों और पश्चिम गोदावरी जैसे उत्तरी तटीय जिलों में तूफान का भारी असर देखने को मिला है, रविवार रात से तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। भारी बारिश के चलते निचले इलाकों में पानी भर गया और 40-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही हैं जिसके कारण तटीय इलाकों में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए। विद्युत आपूर्ति में बाधाएं आ रही हैं।
दो दिनों तक मुंबई और महाराष्ट्र में दिखेगा Cyclone Gulab का असर
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें उत्तरी तटीय आंध्र में पहुंच गई हैं, जबकि नौसेना के जहाज और विमान भी चक्रवात से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्यों के लिए तैयार हैं। उपमुख्यमंत्री धर्मना कृष्ण दास ने सोमवार को श्रीकाकुलम जिले के कुछ प्रभावित इलाकों का दौरा भी किया।
Cyclone Gulab की वजह से 30 सितंबर के बाद भी जारी रहेगी बारिश
अगले छह घंटों के दौरान उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के जिलों में 45-55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाएं चलने की संभावना है और उसके बाद इसमें कमी आएगी।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण ओडिशा और उससे सटे उत्तरी आंध्र प्रदेश पर डीप डिप्रेशन, 27 सितंबर को 0530 बजे IST पर केंद्रित था, जिसके लगभग पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 12 घंटों के दौरान डिप्रेशन में कमजोर होने की संभावना है।
पहले 30 सितंबर तक मानसून खत्म होने की बात कही गयी थी लेकिन अब 7 अक्टूबर तक मानसून बना रहेगा।
Cyclone Gulab के कारण कहाँ हुई कितनी बारिश
विशाखापट्टनम में 282 मिमी, किंगपट्टनम में 126 मिमी, काकीनाडामें 113 मिमी, विजयवाड़ा में 108 मिमी बारिश हुई।
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हिंद महासागर के बेसिन को साझा करने वाले 13 देशों ने पहले ही 169 नामों की एक लंबी सूची प्रदान की है, जिसमें प्रत्येक देश ने 13 नामों का प्रस्ताव रखा है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) द्वारा अनुमोदित इस सूची में से एक के बाद एक नामों का चयन किया जाता है। 13 देशों में बांग्लादेश, भारत, ईरान, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और यमन शामिल हैं।
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