Covid 19 third wave : देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने जमकर कहर मचाया। अस्पतालों में मरीजों को ऑक्सीजन और बेड की कमी का सामना करना पड़ा था। एक तरफ जहां कोरोना से काफी लोग संक्रमित हुए वहीं दूसरी तरफ कोरोना वायरस से काफी लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। अभी कोरोना का असर देश में कम हो गया है। लेकिन देश में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मडरा रहा है।
भारत में अगस्त के अंत तक आएगी Covid 19 third wave
ICMR के डिवीजन ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीज विभाग के हेड डॉक्टर समीरन पांडा ने आशंका जाहिर की है कि अगस्त के अंत तक कोरोना वायरस की तीसरी लहर (Covid 19 third wave) भी आ जाएगी। इसे लेकर डॉक्टर सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। दुनिया की मशहूर मेडिकल जर्नल द लांसेट के एक आर्टिकल में 21 विशेषज्ञों ने कोरोना से बचने के लिए 8 तरीके बताएं हैं।
इन विशेषज्ञों में भारत के सर्जन डॉक्टर देवी शेट्टी और बायोफार्मास्यूचिकल कंमपनी बायोकॉन की संस्थापक किरण मजुमदार शॉ भी शामिल हैं। विशेषज्ञों ने सरकार को कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए 8 बिंदुओं पर काम करने की बात कही हैं।
1- सभी मुख्य और आवश्यक स्वास्थय सेवाएं ऑक्सीजन, एंबुलेंस, आवश्यक दवाएं, हॉस्पिटल में इलाज की कीमतों को निर्धारित करने के साथ ही देश में पारदर्शी राष्ट्रीय मूल्य नीति बनानी चाहिए। जिससे की अस्पताल में लोगों को इलाज कराना लोगों को भारी न पड़े। और सभी को कोविड-19 का खर्च स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का उठाना चाहिए।
2- कोविड-19 (Covid 19 third wave) से संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं का विकेंद्रीकरण होना चाहिए। सभी के लिए एक ही तरह के उपाय करना सही नही है। जिला स्तर पर कोरोना के मामले और स्वास्थ्य सेवाओँ की स्थिति अलग-अलग होती।
3- सार्वजनिक क्षेत्र के साथ स्वास्थ्य प्रणाली के सभी में मौजूद सभी मानव संसाधनों को कोविड-19 से लड़ाई के लिए तैयार करना होगा। कोविड से लड़ाई के लिए उनके पास पर्याप्त संसाधन होना चाहिए। अपनी सुरक्षा के लिए उपकरण क्लीनिकल हस्तक्षेप के इस्तेमाल के लिए दिशा निर्देश, बीमा और मानसिर स्वास्थ्य के लिए सहयोग होना चाहिए।
21 विशेषज्ञों ने बताएं 8 तरीके जिनसे Covid 19 third wave से बचा जा सकता है
4 लोगों तक कोरोना से जुड़ी सही जानकारी को लोगों तक पंहुचा का दायरा बढ़ाना चाहिए और कोविड प्रबंधन को लागू करना चाहिए। कोरोना (Covid 19 third wave) के मरीजों की घर में देखभाल और इलाज, प्राथमिक देखभाल कैसे की जाय और अस्पतालों में देखभाल कैसे की जाए ये सारी जानकारी स्थानीय भाषाओं में अंतर्राष्ट्रीय दिशानिर्देश शामिल होने चाहिए जिसमें स्थानीय परिस्थितियां और क्लीनिकल प्रैक्टिस शामिल हो।
5- राज्य सरकारो को वैक्सीन की डोज के बेहतर इस्तेमाल के लिए कोरोना वायरस के टीके लिए अलग- अलग समूहों की प्राथमिकता तय करनी चाहिए। वैक्सीन की आपूर्ती बढ़ाने के साथ साथ इसका दायरा और बढ़ाया जा सकता है। वैक्सीनेशन सार्वजनिक हित के लिए है इसे व्यावसायिक तंत्र पर नहीं छोड़ना चाहिए। जिससे कि वैक्सीन हर वर्ग के लोगों तक आसानी से पंहुच सके।
6- आने वाले हफ्तों में कोरोना की तीसरी लहर (Covid 19 third wave) से कोरोना के के मामले बढ़ने की आशंका को देखते हुए जिलों को सक्रिय रूप से तैयार करने के लिए सरकारी डेटा संग्रह और मॉडलिंग में पारदर्शिता लानी चाहिए। स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 मामलों में अलग-अलग आयु और लिंग के आंकड़ों, अस्पताल में भर्ती होने की दर और मृत्यु दर, वैक्सीनेशन की सामुदायिक स्तर पर कवरेज, उपचार प्रोटोकॉल की प्रभावशीलता की समुदाय-आधारित ट्रैकिंग और दीर्घकालिक परिणामों पर डेटा की आवश्यकता होती है।
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7 कोरोना से लड़ाई में सामुदायिक मेलजोल के साथ काम करने और सार्वजनिक भागीदारी पर ध्यान देना चाहिए। जमीनी स्तर पर काम कर रहे लोगों को और समाज की स्वास्थ्य देखभाल और अन्य विकास गतिविधियों में लोगों की भागीदारी में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
8- कोरोना में लोगों के कामकाज बंद होने और नौकरी जाने से परेशानियां बढ़ गई हैं और स्वास्थ्य को लेकर भी ख़तरा बढ़ा है जिसे कामगारों को नगद पैसा ट्रांसफर करके कम किया जा सकता है। कुछ राज्य सरकारों ने ऐसा किया भी है। अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने पर इन कंपनियों को मुआवज़ा देने की सरकारी प्रतिबद्धता भी होनी चाहिए।