Covid-19 Booster dose: दो सालों से कोरोना संक्रमण से जारी जंग में सबसे बड़ा हथियार कोरोना की वैक्सीन साबित हुई है। जहां भारत में कोरोना के टीकाकरण अभियान को तेजी से चलाया गया है और देशभर में 60.6 प्रतिशत लोगों को कोरोना की दोनो डोज दी जा चुकी है। जिसकी वजह से आने वाले दिनों में कोरोना के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
अब केंद्र सरकार ने कोरोना के बूस्टर डोज को लेकर भी ऐलान किया है कि जहां अबतक केवल बुजुर्गों को ही कोरोना की बूस्टर डोज लग रही थी वहीं अब 18 साल से अधिक आयु वर्ग के लोग भी कोरोना कोरोना वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज ले सकते हैं।
Covid-19 Booster dose: अब 18 साल के अधिक उग्र लगेगी बूस्टर डोज
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आपको बता दें, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब 18 साल के अधिक उग्र को वो लोग कोरोना की बूस्टर डोज ले सकते हैं जिन्हें कोरोना की दूसरी डोज लिए 9 महीने पूरे हो चुके हैं। इसके लिए किसी भी निजी टीकाकरण केंद्रों पर जाकर कोरोना वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज ले सकते हैं। इसके लिए भी आपको पहले से रजिस्ट्रेश करना होगा जिसके बाद आप बूस्टर डोज ले सकते हैं।
Covid-19 Booster dose: बूस्टर डोज लगने की शुरुआत 10 जनवरी 2022 से शुरू हुई थी
बता दें, देश में कोरोना वायरस के बूस्टर डोज लगने की शुरुआत बीते 10 जनवरी 2022 से शुरू हुई थी। अभी तक यह बूस्टर डोज केवल मेडिकल स्टाफ, फ्रंट लाइन के कर्मचारी और 60 साल से अधिक आयु वर्ग को ही लग रही थी, लेकिन अब 18 साल से अधिक उम्र के लोग भी बुस्ट शॉट ले सकते हैं। कोरोना के बुस्टर डोज का नाम भारत में प्रीकॉशन डोज है। इसे कुछ देशों में कोरोना की तीसरी खुराक भी कहा जा रहा है। प्रीकॉशन डोज SARS-CoV-2 संक्रमण के खिलाफ दी जाती है।
Covid-19 Booster dose: क्या होते हैं बूस्टर डोज के लक्षण
एक्सपर्ट्स की माने तो बूस्टर डोज लगने के बाद कुछ लोगों को पहले और दूसरे डोज के जैसे ही हल्के बुखार हो सकते हैं, लेकिन सभी के साथ ऐसा हो यह जरूरी नहीं है। साथ ही सिरदर्द, थकान, दर्द और इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन हो सकता है जो एक-दो दिनों में खत्म हो जाता है। इसके साथ ही हेल्थ एक्सपर्ट्स ने ये भी कहा है कि बूस्टर डोज लेने के बाद संतुलित भोजन, हाइड्रेटेड रहने और पर्याप्त नींद लेनी चाहिए।
बूस्टर डोज लेने के बाद कुछ दिनों तक शराब, स्मोकिंग और जंक फूड नहीं खानी चाहिए। कोरोना संक्रमण का ये प्रीकॉशन डोज कोरोना के पहले और दूसरे खुराक के असर को और ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए होता है।
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