लखनऊ : बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अब निर्णायक घड़ी आ गई है । सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले की सुनवाई 1 सितंबर को ही पूरी कर ली थी ।अब उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित समयानुसार सीबीआई की अदालत 30 सितंबर यानी बुधवार को अपना फैसला सुनाएगी । हालांकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त तक फैसला सुनाने का आदेश दिया था लेकिन किन्ही कारणों से यह 1 महीने के लिए टल गया । सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले के सभी आरोपितों को आज उपस्थित रहने का आदेश जारी किया था । हालांकि कुछ नेता कोरोना के वजह से कोर्ट नहीं पहुंच पाएंगे जिनमें कल्याण सिंह( Kalyan Singh) और उमा भारती( Uma Bharti) का नाम शामिल है ।
लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna advani) और मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi) समेत कुल 32 लोग हैं आरोपित
सीबीआई के तरफ से दायर चार्जशीट में कुल 49 लोग आरोपित थे जिनमें से 17 की मौत हो चुकी है । मृतकों में बाला साहब ठाकरे, अशोक सिंघल गिरिराज किशोर और विष्णु हरि डालमिया इत्यादि शामिल थे । फिलहाल कुल 32 लोगों पर फैसला आना बाकी है । जिसमें पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, विश्व हिंदू परिषद नेता के नेता चंपत राय , साक्षी महाराज और साध्वी रितंभरा इत्यादि शामिल हैं ।
क्या है मामला
हिंदू पक्ष हमेशा से दावा करता रहा है कि विवादित स्थल श्री राम की जन्मभूमि है और पहले यहां मंदिर था । उनका कहना है कि बाबर ने मंदिर तोड़कर यहां मस्जिद का निर्माण करवाया। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद का निर्माण मंदिर तोड़ कर नहीं किया गया था। 1885 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा ।इसी बीच 6 दिसंबर 1992 को एक राजनीतिक रैली के दौरान कार सेवकों ने बाबरी मस्ज़िद को ध्वस्त कर दिया था । इसी मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है ।