Corona Vaccine for Children: केंद्र सरकार से लोगों का बस एक सवाल, बच्चों के लिए कब आएगी कोरोना वैक्सीन?

Corona Vaccine for Children

Corona Vaccine for Children: एक तरफ जहां देश में कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) ने दस्तक देनी शुरु कर दी है वहीं जानकारों के मुताबिक तीसरी लहर बच्चों पर ज्यादा प्रभावी होगी। ऐसे में लोग सरकार से बस एक ही सवाल कर रहे हैं कि भारत में बच्चों के लिए वैक्सीन (vaccine for children) कब तक आएगी। इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है।

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Corona Vaccine for Children: अगले दो हफ्ते के भीतर आ सकती है बच्चों के लिए वैक्सीन

सरकार के मुताबिक, दो हफ्तों में जायडस कैडिला (Zydus Cadilla) की वैक्सीन को इमरजेंसी यूज़ की अनुमति मिल सकती है, जिसका 12 से 18 साल तक के बच्चों पर ट्रायल हुआ है। वहीं भारत बायोटेक का 12 से 18 साल के बच्चों पर ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है। इसके अलावा नोवावैक्स को भी बच्चों के ट्रायल की अनुमति मिल गई। वहीं बायो ई ने भी ट्रायल की अनुमति मांगी है।

नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ पॉल के मुताबिक जल्द बच्चों की कोरोना वैक्सीन आ सकती है। अगले एक दो हफ्ते में इसकी संभावना है। दरअसल जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन जिसका 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों पर ट्रायल हुआ है उसे डीसीजीआई से अनुमति मिलने की उम्मीद है।

Corona Vaccine for Children: 28 हजार लोगों पर Zycov D वैक्सीन का हुआ ट्रायल

 

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जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन जाइकोव डी (Zycov D) का तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हो चुका है। कैडिला ने कोरोना की वैक्सीन के लिए CDSCO यानी सेंट्रल ड्रग स्टैण्डर्ड कंट्रोल आर्गेनाईजेशन (Central Drug Standard Control Organization) के पास इमरजेंसी यूज़ इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है। कम्पनी ने करीब 28 हजार लोगों पर ट्रायल पूरा करने के बाद इमर्जेंसी यूज ऑथराइजेशन यानी आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन दिया है जिसपर सीडीएससीओ की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी में डेटा एनालिसिस हो रहा है. कंपनी की तरफ से वैक्सीन ट्रायल का सारा डेटा दे दिया गया है.

Corona Vaccine for Children: वैक्सीन आने के पीछे क्या है कंपनी का दावा?

कम्पनी ने कुछ दिनों पहले दावा किया था कि इस वैक्सीन को 12 से 18 साल के करीब हजार बच्चों पर भी ट्रायल किया गया और सुरक्षित पाया गया।

इसकी एफिकेसी 66.60 फीसदी है।

तीन डोज वाले इस वैक्सीन को 4-4 हफ्तों के अंतराल पर दी जा सकती है।

इस वैक्सीन को 2-8 डिग्री तापमान पर स्टोर किया जा सकता है।

ये पहली plasmid डीएनए वैक्सीन है।

इसमें इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं बल्कि ये वैक्सीन नीडल फ्री है, इसे जेट इंजेक्टर के ज़रिए दिया जा सकेगा।

कंपनी की योजना सालाना 10-12 करोड़ डोज बनाने की है।

कम्पनी का दावा है की प्लग एंड प्ले तकनीक जिस पर प्लास्मिड डीएनए प्लेटफॉर्म आधारित है, वह कोरोना से निपटने के लिए आदर्श रूप से अनुकूल है क्योंकि इसे वायरस में म्युटेशन से निपटने के लिए आसानी से अनुकूलित किया जा सकता है।

Corona Vaccine for Children: बायोटेक की वैक्सीन को तीन वर्गों में बांटा गया है

वहीं दूसरी वैक्सीन जिसका बच्चों पर ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है वो है, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन। भारत बायोटेक की वैक्सीन का 2 से 18 साल के उम्र के बच्चों पर ट्रायल चल रहा है जो आखिरी चरण में है। इस ट्रायल को तीन आयु वर्ग में बांटा गया था, 2 से 6 साल, 6 से 12 और 12 से 18 साल।

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अब तक 6 से 12 और 12 से 18 साल के बच्चों को दोनों वैक्सीन डोज दी जा चुकी और 2 से 6 साल के बच्चों को ट्रायल में वैक्सीन की दूसरी डोज देनी बाकी है, जोकि इस हफ्ते खत्म हो जाएगी। भारत बायोटेक की वैक्सीन पहले से 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को भारत मे दी जा रही है।

Corona Vaccine for Children: दो और कंपनियों ने मांगी है वैक्सीन ट्रायल की इजाजत

इसके अलावा दो और कंपनियों नोवावैक्स, और बायोलॉजिकल ई ने बच्चों में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की इजाजत मांगी है। जिसमें नोवावैक्स को बच्चों में ट्रायल की अनुमति मिल गई है, जबकि बायो ई को मिलना बाकी है।

एक वैक्सीन जो 12 से 18 साल के उम्र के बच्चों को दी जा सकती है, उसको दो हफ़्तों में इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन मिल सकती है। वहीं भारत बायोटेक भी वैक्सीन का जल्द ट्रायल पूरा कर अंतरिम डेटा के साथ इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन के लिए अप्लाई कर सकती है। उम्मीद है बच्चों की वैक्सीन जल्द मिल सकती है।

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