नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कोरोना महामारी के खिलाफ सर्तकता और हालातों पर नजर रखते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों को कोविड-19 की जांच और सीरो-सर्वेक्षण बड़े पैमाने पर करने का निर्देश दिया।
पीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि कम लागत पर नियमित और तेजी से कोरोना जांच की सुविधा सभी के लिए उपलब्ध होनी चाहिए। महामारी पर अध्ययन और वैक्सीन तैयार करने की प्रगति की समीक्षा बैठक की। पीएम ने समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए पारंपरिक इलाज के तरीको के महत्व का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के लिए जांच, टीका और दवा का सस्ता और आसानी से उपलब्ध समाधान मुहैया कराने का देश का संकल्प दोहराया।
बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य), मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और अन्य अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बैठक में प्रधानमंत्री ने पारंपरिक चिकित्सा उपचारों की जरूरत को भी रेखांकित किया।
मोदी ने इस कठिन समय में साक्ष्य आधारित अनुसंधान और विश्वसनीय समाधान प्रदान करने के लिए आयुष मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने देशवासियों को भरोसा दिया कि सरकार सभी के लिए आसानी से और कम कीमत में कोरोना की जांच, वैक्सीन और इलाज मुहैया कराने को लेकर प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने कोरोना की चुनौती से निपटने के लिए भारतीय वैक्सीन निर्माताओं की तरफ से की जा रही कोशिशों की सराहना की और उन्हें समर्थन का भरोसा दिया।
बता दें कि वैज्ञानिकों ने सर्दी के मौसम में कोरोना संक्रमण बढ़ने की संभावना जताई है। वैज्ञानिकों के मुताबिक गर्मी के मौसम में कोरोना वायरस फैलने का एक बड़ा कारण संक्रमित छोटे आकार के एरोसॉल कणों के संपर्क में आना है जबकि सर्दी के मौसम में संक्रमण फैलने की मुख्य वजह होगी ड्रॉपलेट्स का संपर्क में आना। इसलिये ठंड में पहले से ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत है।