CM Yogi Adityanath’s decision: कोरोना के अलावा अन्य बीमारी से अनाथ हुए बच्चों को भी सरकार से मिलेगी आर्थिक मदद

CM Yogi Adityanath's decision

CM Yogi Adityanath’s decision: उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) ने कोरोना (corona) से अनाथ हुए बच्चों (orphaned children) की मदद के साथ अब ऐसे बच्चों को भी आर्थिक सहायता (Subsidies) देने का फैसला किया है, जो किसी अन्य कारणों (other reasons) से भी अपने माता-पिता को खो चुके हैं।

ऐसे बच्चों को भी सरकार अब उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (UP Chief Minister Child Service Scheme) (सामान्य) के तहत आर्थिक मदद देगी। इसके साथ ही विधानमंडल का मानसून सत्र (Monsoon session of legislature) 17 अगस्त से आहूत करने का फैसला लिया गया है।

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CM Yogi Adityanath’s decision: प्रदेश सरकार द्वारा प्रति बच्चे 2500 रूपये प्रति माह मिलेगी आर्थिक मदद

उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को कैबिनेट बैठक (cabinet meeting) में दस प्रस्तावों को bicirculation मंजूरी दी है, उनमें उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र की तारीख भी है। कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों के बाद सरकार ने इस योजना में एक परिवार के पात्र अधिकतम दो बच्चों को ही इस योजना का लाभ दिया जाएगा। सरकार प्रति बच्चे 2500 रुपये प्रति माह आर्थिक मदद देगी।

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ज्ञात हो कि इससे पहले सरकार ने उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारंभ किया है। इस योजना में 18 वर्ष तक के सिर्फ उन बच्चों को ही योजना के तहत 4 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक मदद देने की व्यवस्था है। प्रदेश में ऐसे बहुत से बच्चे भी हैं जिनके माता-पिता की किसी अन्य बीमारी की वजह से निधन हो गया है, लेकिन उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत उनको लाभ नहीं मिल पा रहा था।

CM Yogi Adityanath’s decision: योजना को उ.प्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के नाम से लागू करने का फैसला

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इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री ने अन्य कारणों से अनाथ हुए बच्चों को भी आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी। इसी कड़ी में सरकार ने इस योजना को लागू करने का फैसला किया है। जिसे उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) का नाम दिया गया है।

महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग द्वारा तैयार की गई उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत कोरोना से भिन्न कारणों से माता-पिता या दोनों में से किसी एक के निधन से अनाथ हुए 18 वर्ष तक से बच्चों को तो सरकार आर्थिक मदद देगी ही, साथ ही 18 से 23 वर्ष तक के उन बच्चों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा, जो कोविड या अन्य किसी कारणों से अनाथ हुए हैं और वह कक्षा 12 तक की पढ़ाई पूरी करके स्नातक स्तरीय शिक्षा ग्रहण कर रहे हों।

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यानि महाविद्यालय या विश्वविद्यालय या तकनीकी संस्थाओं में ग्रेजुएशन करने वाले अनाथ छात्रों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा नीट, क्लैट व जेईई जैसी राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले बच्चों को भी योजना का लाभ लेने के लिए पात्र माने जाएंगे।

CM Yogi Adityanath’s decision: माता के तलाकशुदा होने पर भी बच्चे को मिलेगा आर्थिक लाभ

इनके अलावा ऐसे बच्चे भी इस योजना का लाभ पा सकेंगे जिनकी माता तलाकशुदा स्त्री या परित्यक्ता हैं या जिनके माता-पिता या परिवार का मुख्यकर्ता जेल में हैं। सरकार ने यह भी फैसला किया है कि बाल श्रम, भिक्षावृत्ति, वेश्यावृत्ति से मुक्त कराये गए बालक व बालिकाओं को भी इस योजना के तहत लाभ दिया दिया जाएगा। योजना के तहत भिक्षावृत्ति या वैश्यावृत्ति में शामिल परिवारों के बच्चों को भी आर्थिक सहायता दी जाएगी।

राज्य विधानमंडल का पिछला सत्र 18 फरवरी-2021 को आहूत किया गया था। इस सत्र में विधान सभा व विधान परिषद की अंतिम बैठक 4 मार्च को हुई थी। इसके बाद दोनों ही सदनों का सत्रावसान 30 मार्च से कर दिया गया था। संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक विधान मंडल के पिछले सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के लिए तय तारीख के बीच 6 माह का अंतर नहीं होगा।

CM Yogi Adityanath’s decision: 17 अगस्त से विधानसभा मानसून सत्र को शुरु करने के प्रस्ताव पर मंजूरी

इस तरह विधान मंडल का आगामी सत्र 4 सितंबर से पूर्व आहूत किया जाना आवश्यक था। सरकार ने इससे पहले 17 अगस्त से सत्र आहूत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सत्र के दौरान वित्त वर्ष 2021-22 का पहला अनुपूरक बजट भी लाया जा सकता है। 18 या 20 अगस्त को अनुपूरक अनुदान मांगों को विधानमंडल में रखे जाने की संभावना है।

प्रदेश में 23 बस अड्डों को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने की योजना पर काम चल रहा है। पहले चरण में 17 बस अड्डों को विकसित किया जाना है। परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने बताया कि इसके लिए संशोधित बिड डाक्युमेंटेशन का प्रस्ताव भेजा गया था जिसे सोमवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। सरकार का विचार है कि इस प्रस्ताव पर इस तरह से काम हो ताकि यह मॉडल आगे के चरणों में भी सकारात्मक ढंग से काम करता रहे।

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