उत्तराखंड: CM ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर छात्रों को किया संबोधित

CM Trivendra singh rawat

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत (CM Trivendra Singh Rawat) ने ई-संवाद कार्यक्रम ( E-samwad Programme) में राज्य के छात्र-छात्राओं (Students) को सम्बोधित (Addresses) करते हुए कहा कि ‘देशभक्ति सभी सद्गुणों की जननी होती है। जिस भी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएं, उसका उद्देश्य देशभक्ति होनी चाहिए। जो भी कैरियर बनाएं, मकसद एक ही होना चाहिए कि देश के लिए कुछ करना चाहते हैं।’

 लक्ष्य पूर्ति तक आराम नहीं

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि “जीवन में सफल होने के लिए हनुमानजी से सीखा जा सकता है। ‘रामकाज किन्हे बिना मोहे आराम कहां’। जब तक लक्ष्य पूर्ति न हो, आराम नहीं करना है।”

मुख्यमंत्री ने कहा “पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी की आज पुण्य तिथि है। हम उन्हें नमन करते हैं। वे सेना में अधिकारी बनना चाहते थे। देहरादून में साक्षात्कार के लिए आए लेकिन उसमें सफल नहीं हुए। निराश हुए, तब ऋषिकेश गए, वहां एक संत से मार्गदर्शन लिया। इसके बाद उन्होंने पूरे मनोयोग से प्रयास किए और एक महान वैज्ञानिक बने, देश के राष्ट्रपति बने।”

उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का विषय है। हमारे प्रदेश में एक IAS हैं जो पहले श्रमिक का काम करते थे। उन्होंने मेहनत की और आईएएस बने। सफल होने के लिए जरूरी है कि हमारे प्रयास पूर्ण मनोयाग से हों।

 उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थानों की स्थापना

मुख्यमंत्री ने कहा ‘प्रदेश में शिक्षा का मात्रात्मक प्रसार काफी हुआ है। अब विशेष तौर पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में क्वालिटी एजुकेशन पर ध्यान देना होगा। आज का युग कड़ी प्रतिस्पर्धा का है। उच्च शिक्षण संस्थानों को वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बदलना होगा। इसी सोच के साथ सीपैट और ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर की स्थापना की गई।’

इसके अलावा नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी भी प्रारम्भ की जाएगी। जल्द ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल डेवलपमेंट (National Institute of Skill Development)  भी शुरू किया जाएगा। उत्तराखण्ड में स्नातकोत्तर और रिसर्च  (Post Graduate and Research) के लिए आवासीय साईंस काॅलेज की स्थापना पर भी विचार किया जा रहा है।

राज्य में एक विद्यालय प्रतिभावान बच्चों के लिए खोला जाएगा। इसमें कक्षा 6 से 12 तक संचालित की जाएंगी। इसमें राज्य स्तरीय परीक्षा के बाद प्रवेश दिया जाएगा। आर्थिक रूप से सक्षम परिवारों के बच्चों से शुल्क लिया जाएगा जबकि निर्धन और प्रतिभावान बच्चों के लिए शिक्षा निशुल्क होगी।

कैरियर के प्रति जागरुक हैं आज के युवा

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देखकर बहुत प्रसन्न्ता होती है कि आज के बच्चे अपने कैरियर के संबंध में बहुत जागरूक हैं। उन्हें पता है कि किस क्षेत्र में भविष्य बनाना है। ई-संवाद में बच्चों ने अपनी बातें कहीं हैं। कोई डॉक्टर बनना चाहता है तो कोई इंजीनियर और कोई सिविल सर्विसेज में जाना चाहता है। इसी प्रकार किसी ने वैज्ञानिक बनने की बात कही है। एक ने फाईन आर्ट में कैरियर बनाने की इच्छा व्यक्त की है। कोई शिक्षक बनकर और कोई  सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहता है।

ई-संवाद में विधायक श्री पुष्कर सिंह धामी, यूसर्क के निदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत, अन्य वैज्ञानिक, शिक्षक, छात्र-छात्राओं ने भी हिस्सा लिया

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