डिजिटल स्ट्राइक से चीन की टूटी कमर

भारत और चीन के बीच LAC पर जारी तनाव के बीच मोदी सरकार के चीनी ऐप्स पर किया गया डिजिटल स्ट्राइक अब रंग दिखाने लगा है। इससे ओप्पो, वीवो और रियलमी जैसे चीनी ब्रांड्स की रंगत फीकी पड़ गई है। डिजिटल स्ट्राइक इन कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है।आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल-जून 2020 की तिमाही के दौरान चीनी मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों की बाज़ार हिस्सेदारी में 9% की जबरदस्त गिरावट आई है।

इसके साथ ही चीनी टेलीकॉम उपकरण बनाने वाली कंपनियों पर भी इसका असर दिखना शुरू हो गया है। हुआवे और ZTE को भारत में नया कारोबार नहीं मिल रहा। पहले जहां कंपनी ने 70-80 करोड़ डॉलर का राजस्व लक्ष्य रखा था, वहीं अब मात्र 35-50 करोड़ की ही उम्मीद है। ऐसे में ज़ाहिर तौर पर चीनी टेलीकॉम कंपनियों को भी भारतीय बाजार से बड़ा नुकसान हो रहा है।

काउंटर पॉइंट रिसर्च की हालिया रिपोर्ट की माने तो, जनवरी से मार्च 2020 के बीच चीनी कंपनियों की बाजार में हिस्सेदारी 81 फीसदी थी। तो वहीं अप्रैल से जून कि तिमाही के दौरान चीनी मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी घटकर 72 फ़ीसदी पर आ गई है।

आपको बता दें इसका पूरा फायदा आने वाले अगले एक साल में भारत की लावा इंटरनेशनल लिमिटेड को होने वाला है। लावा कंपनी आने वाले तीन से चार महीनों के दौरान 3-4 नए स्मार्टफोन भारतीय बाजार में लॉन्च करने जा रही हैं। जिससे भारत में रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।

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