चीन और 14 एशियाई देशों ने किया दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार करार

नई दिल्ली: चीन और 14 अन्य एशियाई देशों (China and 14 other Asian countries) ने दुनिया के सबसे बड़े मुक्त व्यापार ब्लॉक (Free trade block) बनाने पर सहमति व्यक्त की है जो कुल वैश्विक व्यापार (Global business) का एक तिहाई हिस्सा है।
क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में रविवार को करार पर हस्ताक्षर हुए। ये ब्लॉक 10 दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों समूह (ASEAN) से बना है।

सम्मेलन के मेजबान वियतनाम के प्रधानमंत्री (Prime Minister of Vietnam) गुयेन जुआन फुच (Nguyen Juan Fuchs) ने कहा, आरसीईपी पर जल्द ही सभी देश हस्ताक्षर कर देंगे, जिसके बाद ये प्रभावी हो जाएगा और कोविड-19 महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में काफी सहायक साबित होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आरईसीपी अपने सदस्य देशों के बीच व्यापार शुल्क कम करेगा। वियतनाम के अनुसार, आरसीईपी वैश्विक अर्थव्यवस्था का 30 प्रतिशत, वैश्विक आबादी का 30 प्रतिशत और 220 करोड़ उपभोक्ताओं तक पहुंच जाएगा।

10 आसियान देशों के अलावा, समझौते में चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी शामिल हैं, लेकिन अमेरिका नहीं।
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के लिए यह समझौता अभी भी खुला है। भारत इस ट्रेडिंग ब्लॉक से घरेलू विरोध के चलते पिछले साल बाहर आ चुका है।

कैपिटल इकोनॉमिक्स के वरिष्ठ एशियाई अर्थशास्त्री गैरेथ लेदर ने एक रिपोर्ट में कहा कि यह समझौता चीन के लिए काफी महत्वपूर्ण है, जो 130 करोड़ से अधिक लोगों के साथ इस क्षेत्र का सबसे बड़ा बाजार है।

यह समझौता बीजिंग को वैश्वीकरण और बहुपक्षीय सहयोग के चैंपियन के रूप में भूमिका अदा करने की अनुमति देता है और क्षेत्रीय व्यापार को नियंत्रित करने वाले नियमों पर भी अधिक प्रभाव देता है।

अल जजीरा ने कहा कि अमेरिका आरसीईपी और 11 राष्ट्रों के ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (TPP) में भी नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पद ग्रहण करने के कुछ समय बाद ही इससे अपने आपको अलग कर लिया था। यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को दो बड़े व्यापार समूहों से बाहर रखता है जो काफी तेजी से बढ़ रहा है।

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