Chhath Puja: इन नियमों का पालन किये बिना छठ पूजा है अधूरी, जानिये महत्वपूर्ण बातें

महापर्व छठ का आगाज़ बुधवार से शुरु हो चुका है। यह पर्व सूर्य की आस्था का महापर्व है। आज खरना का दिन है। नहाय खाय से व्रत रहने वाले लोग अपने उपवास की शुरुआत करते हैं। वैसे तो छठ पूजा बिहार में विशेष रूप से मनाया जाता है लेकिन अब ये पर्व पूरे देश में मनाया जाता है।

माना जाता है कि छठी मैया की पूजा और व्रत हर व्रत से ज्यादा कठिन होता है क्योंकि इस छठ में 36 घंटे तक निर्जला व्रत का विधान है। छठ पूजा के व्रत का नियम भी सभी व्रतों से अलग होता है।

अगर आप छठ पूजा का व्रत रखते हैं, तो आपको इसके नियमों की जानकारी होनी चाहिए। नियमपूर्वक व्रत न करने से छठी मैया और सूर्य देव का आशीष प्राप्त नहीं होता है और व्रत भी निष्फल हो जाता है।

छठ पूजा का व्रत संतान प्राप्ति, उसकी सुरक्षा और सफल जीवन के लिए किया जाता है। कहा जाता है कि राजा सगर ने सूर्य षष्ठी का व्रत सही से नहीं किया था, जिसके प्रभाव से ही उनके 60 हजार पुत्र मृत्यु को प्राप्त हुए।

क्या है छठ पूजा के नियम
    • जो व्यक्ति 4 दिनों की छठ पूजा का व्रत रखता है उसे पलंग या तख्त पर नहीं सोना चाहिए। वह जमीन पर चटाई बिछाकर सो सकता है और कंबल आदि का इस्तेमाल कर सकता है।
    • व्रत धारक को चारों दिन नए और साफ वस्त्र पहनने होते है। वस्त्र धारण करते वक्त इस बात का विशेष ध्या करना होता है कि वस्त्र सिले हुए नहीं होने चाहिए। महिलाएं साड़ी और पुरुष धोती पहनते हैं। हालांकि आजकल लोग कोई भी वस्त्र पहन लेते हैं।
    • व्रत रखने वाले शख्स को मांस, मदिरा, झूठी बातें, काम, क्रोध, लोभ, धूम्रपान आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
    • आप छठ पूजा का व्रत रखते हैं तो परिवार के सभी सदस्य को तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए। इन चार दिनों में सात्विक भोजन ही करें।
    • छठ पूजा के व्रत में बांस के सूप का प्रयोग होता है। सूर्य देव की जब संध्या और प्रात:काल की पूजा होती है, तो उस समय सूप में ही पूजन सामग्री रखकर उन्हें अर्पित किया जाता है।
    • छठ पूजा में छठी मैया और भगवान सूर्य को ठेकुआ और कसार (चावल के आटे के लड्डू) का भोग लगाना चाहिए।
    • छठी मैया की पूजा का व्रत साफ-सफाई का है। पहले दिन घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई की जाती है। घाटों की भी सफाई की जाती है।
    • छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए गन्ने का प्रयोग अवश्य करें। इसमें पत्ते वाले गन्ने का उपयोग किया जाता है।

छठी मैया की अराधना और व्रत करने से व्रत धारक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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